हरियाणा सरकार ने प्रदेश के आईटीआई पास युवाओं के लिए एक बड़ा और स्वागत योग्य कदम उठाया है। अब राज्य में एक साल या उससे ज्यादा की अप्रेंटिसशिप को एक साल के कार्य अनुभव के बराबर माना जाएगा। इस फैसले से उन युवाओं को बड़ा फायदा होगा, जो कौशल आधारित प्रशिक्षण लेकर नौकरी की तलाश में हैं।
क्या है नया नियम?
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस बारे में एक पत्र जारी किया है। इसमें बताया गया कि जिन युवाओं ने अप्रेंटिसशिप नियम 1992 की अनुसूची-1 के तहत आईटीआई की पढ़ाई पूरी की है और उनके पास राष्ट्रीय शिक्षुता प्रमाणपत्र (NAC) है, उनकी एक साल या उससे ज्यादा की अप्रेंटिसशिप को कार्य अनुभव के रूप में गिना जाएगा। यह नियम उन नौकरियों के लिए लागू होगा, जहां शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ अनुभव भी मांगा जाता है।
कब से लागू होगा?
यह नया नियम तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है। इसका मतलब है कि अब आईटीआई पास युवा अपनी अप्रेंटिसशिप के अनुभव को नौकरी के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे उनकी रोजगार की संभावनाएं और मजबूत होंगी।
किन-किन संस्थानों पर लागू होगा?
सरकार ने सभी विभागों, बोर्डों, निगमों, मिशन प्राधिकरणों, विश्वविद्यालयों और अन्य राज्य नियंत्रित संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने नियमों में जरूरी बदलाव करें। यह सुनिश्चित करना होगा कि एनएसी धारक युवाओं को उनके अप्रेंटिसशिप के अनुभव का पूरा फायदा मिले। यह कदम केंद्र सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उठाया गया है।
युवाओं के लिए क्या है फायदा?
इस फैसले से हरियाणा के हजारों आईटीआई पास युवाओं को नौकरी पाने में आसानी होगी। अब तक अप्रेंटिसशिप को अक्सर औपचारिक अनुभव के रूप में नहीं गिना जाता था, जिसके चलते कई युवा नौकरी के लिए जरूरी अनुभव के मानदंड को पूरा नहीं कर पाते थे। इस नए नियम से उनकी राह आसान होगी और वे सरकारी व निजी क्षेत्र में बेहतर अवसर हासिल कर सकेंगे।
हरियाणा सरकार का यह कदम न केवल युवाओं को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि प्रदेश में कौशल विकास को भी बढ़ावा देगा। यह उन युवाओं के लिए एक नई उम्मीद की किरण है, जो अपने हुनर को नौकरी में बदलना चाहते हैं।
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