Aravali Tunnel Project: अरावली के बीच डबल टनल से बदलेगा हरियाणा का रेल मैप
हरियाणा में रेल कनेक्टिविटी को नई दिशा देने वाली अरावली डबल टनल परियोजना 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य। पलवल-नूंह-सोनीपत को सीधे जोड़ने वाली इस सुरंग से यात्री और माल परिवहन दोनों को बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद।
Aravali Tunnel Project: हरियाणा में रेल नेटवर्क को नए सिरे से गढ़ने की तैयारी अब ज़मीन पर साफ दिखने लगी है। गुरुग्राम जिले की अरावली पहाड़ियों के बीच बन रही अत्याधुनिक डबल टनल इस बदलाव की सबसे बड़ी पहचान बनती जा रही है। हरियाणा रेल अवसंरचना विकास निगम (HRIDC) के अध्यक्ष और मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में राज्य की कई अहम रेल परियोजनाओं की प्रगति को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक में सामने आया कि हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरपोरेशन (HORC) के तहत बन रही यह डबल टनल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है बल्कि क्षेत्र की सबसे बड़ी यात्री रेल सुरंगों में भी शामिल होगी। लगभग 25 मीटर ऊंची इस सुरंग से एक साथ दो ट्रेनें गुजर सकेंगी। अधिकारियों के मुताबिक लक्ष्य है कि साल 2026 तक यह परियोजना पूरी कर ली जाए ताकि पलवल, नूंह और सोनीपत के बीच रेल से सीधी आवाजाही संभव हो सके। इससे यात्रियों के साथ-साथ माल परिवहन को भी नया रास्ता मिलेगा। Aravali Tunnel Project
अरावली के भीतर हो रहा यह निर्माण सिर्फ एक सुरंग नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के दबाव को कम करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस रूट के चालू होने से औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स मूवमेंट को वैकल्पिक कॉरिडोर मिलेगा, जिससे मौजूदा लाइनों पर भीड़ घटेगी।
टनल निर्माण की मौजूदा स्थिति
समीक्षा में बताया गया कि सुरंग निर्माण कार्य तय समयरेखा के भीतर आगे बढ़ रहा है। इस समय आठ सक्रिय फेस पर काम चल रहा है जबकि दो नए फेस विकसित किए जा रहे हैं। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से तैयार की जा रही कुल 7,200 मीटर लंबी इस डबल टनल में से अब तक 3,773 मीटर खुदाई पूरी हो चुकी है। यह कुल लंबाई का 52 प्रतिशत से अधिक है जिसे परियोजना टीम एक अहम उपलब्धि मान रही है।
कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक का अंतिम दौर
बैठक में कुरुक्षेत्र एलिवेटेड ट्रैक परियोजना की प्रगति भी एजेंडे में रही। अधिकारियों ने बताया कि वायाडक्ट से जुड़े सिविल, ट्रैक, सिग्नलिंग, टेलीकम्युनिकेशन और ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन से जुड़े कार्य पूरे हो चुके हैं। एलिवेटेड प्लेटफार्म का निर्माण अब अंतिम चरण में है और जल्द ही उत्तरी रेलवे व रेलवे सुरक्षा आयुक्त की ओर से निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद इस परियोजना के परिचालन की दिशा में औपचारिक कदम बढ़ाए जाएंगे। Aravali Tunnel Project
ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर पर आगे बढ़ी सहमति
समीक्षा बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि सोनीपत से पलवल तक प्रस्तावित ईस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के संरेखण को उत्तर प्रदेश की स्टीयरिंग समिति से मंजूरी मिल चुकी है। परियोजना का व्यवहार्यता अध्ययन उन्नत चरण में है। अधिकारियों का कहना है कि यह कॉरिडोर भविष्य में एनसीआर की रेल यातायात संरचना में बड़ा संतुलन पैदा करेगा।
राजस्व और मुआवजा वितरण में प्रगति
बैठक में बताया गया कि मानेसर-पातली खंड और मारुति रेलवे यार्ड पहले ही चालू हो चुके हैं जिससे राज्य को राजस्व मिलना शुरू हो गया है। साथ ही भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुआवजा वितरण में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है जिसे परियोजनाओं की रफ्तार बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है। Aravali Tunnel Project
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