गुरुग्राम, 14 अक्टूबर 2025: हरियाणा के गुरुग्राम में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. माननीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गुरुग्राम ने भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपी पवन, जो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में क्लर्क था, को 4 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. यह फैसला 13 अक्टूबर 2025 को सुनाया गया.
क्या है पूरा मामला?
राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम को 1 अगस्त 2022 को एक शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि उनकी पत्नी, जो 2010-11 में गांव नोहटकी, तहसील सोहना के सरकारी स्कूल में मुख्य अध्यापक थीं, सेवानिवृत्त हो चुकी थीं. उनकी पत्नी का ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन जयपुर के सी.एम. गोरा हॉस्पिटल में हुआ था. ऑपरेशन के मेडिकल बिल को पास करवाने के लिए शिकायतकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पवन से मिले.
आरोप है कि पवन ने बिल पास करने के लिए 20,000 रुपये रिश्वत की मांग की. शिकायत के आधार पर सतर्कता ब्यूरो ने तुरंत कार्रवाई की और पवन को 20,000 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद थाना भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, गुरुग्राम में पवन के खिलाफ धारा 7 और 13 के तहत मामला दर्ज किया गया.
कोर्ट का फैसला
लंबी सुनवाई के बाद, गुरुग्राम कोर्ट ने पवन को दोषी ठहराया और उसे 4 साल की कैद के साथ 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया. यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश देता है. सतर्कता ब्यूरो ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया.
