वीर बाल दिवस: CM सैनी ने फतेहगढ़ साहिब में साहिबजादों को किया नमन, बाबा मोतीराम मेहरा को भी दी श्रद्धांजलि

हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने वीर बाल दिवस पर गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में साहिबजादों की शहादत को नमन किया। गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों के बलिदान और बाबा मोतीराम मेहरा की मानवता को याद करते हुए उन्होंने सेवा में भी हिस्सा लिया।

  • वीर बाल दिवस पर श्रद्धांजलि
  • सत्य और धर्म के लिए बलिदान की याद
  • मानवता का अमर संदेश
  • नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब का दौरा कर साहिबजादों की अतुलनीय शहादत को याद किया। यह पवित्र धरती वह स्थान है जहां श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी ने अपने धर्म, सत्य और स्वाभिमान की रक्षा के लिए कम उम्र में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उस ऐतिहासिक स्थल पर श्रद्धा से शीश झुकाया जहां साहिबजादों को अत्याचार के आगे न झुकने पर दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया था।

सत्य और धर्म के लिए बलिदान की गाथा

मुख्यमंत्री ने कहा कि साहिबजादों का साहस आज भी मानवता को सत्य और धर्म के मार्ग पर दृढ़ रहने की प्रेरणा देता है। उनकी नैतिक शक्ति और अटूट विश्वास का सम्मान करते हुए सैनी ने गुरुद्वारा परिसर में सेवा में भी हिस्सा लिया।

यह यात्रा श्रद्धालुओं को याद दिलाती है कि असली वीरता केवल रणभूमि में नहीं, बल्कि सत्य और आस्था के प्रति दृढ़ता में भी निहित है। साहिबजादों का बलिदान यह संदेश देता है कि इतिहास उम्र से नहीं, बल्कि संकल्प से बनता है। Haryana News

धर्म, आस्था और मानवता की सेवा का संदेश

वीर बाल दिवस पर मुख्यमंत्री की यह श्रद्धांजलि नई पीढ़ी में सांस्कृतिक मूल्यों, नैतिक साहस और मानवीय गरिमा की भावना को फिर से जागृत करती है। सैनी ने जोर देकर कहा कि साहिबजादों का त्याग सिर्फ एक ऐतिहासिक घटना नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उन्होंने कहा कि धर्म, विश्वास और मानवता की सेवा का यह संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना सदियों पहले था। गुरुद्वारा परिसर में सेवा करते हुए मुख्यमंत्री ने इस परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

गुरुद्वारा शहीद बाबा मोतीराम मेहरा में भी की प्रार्थना

इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने गुरुद्वारा शहीद बाबा मोतीराम मेहरा में भी दर्शन किए। यह वह स्थान है जहां सिरहिंद के नवाब ने साहिबजादों को ठंडा बुर्ज में कैद कर रखा था। Haryana News

बाबा मोतीराम मेहरा ने अपनी मानवता के चलते कड़े प्रतिबंधों और मौत के खतरे के बावजूद साहिबजादों को दूध पिलाया था। यह सेवा उनकी करुणा और निस्वार्थता का प्रतीक है।

मानवता का अनमोल पाठ

सैनी ने बाबा मोतीराम मेहरा के निस्वार्थ बलिदान को नमन करते हुए कहा कि यह केवल सिख इतिहास का एक अध्याय नहीं है, बल्कि मानवता के लिए एक शाश्वत संदेश है। जो लोग सत्य और करुणा के मार्ग पर चलते हैं, वे कभी पराजित नहीं होते।

आज गुरुद्वारा शहीद बाबा मोतीराम मेहरा श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है। यहां श्रद्धालु उस कालजयी शिक्षा को याद करते हैं कि सच्चा धर्म दूसरों के दुख में शामिल होने से व्यक्त होता है।

करुणा से जन्मता है साहस

मुख्यमंत्री ने कहा कि साहस तलवार से नहीं, बल्कि करुणा से पैदा होता है। बाबा मोतीराम मेहरा ने यह साबित कर दिया कि मानवता के लिए खड़े होना सबसे बड़ी वीरता है। Haryana News

उनका यह कदम आज भी लोगों को प्रेरित करता है कि संकट के समय में भी मानवीय मूल्यों को नहीं छोड़ना चाहिए। यह बलिदान याद दिलाता है कि धर्म का असली अर्थ दूसरों की सेवा और सहानुभूति में छिपा है।

वीर बाल दिवस पर मुख्यमंत्री की यह यात्रा हरियाणा की जनता के लिए गौरव का क्षण रहा। साहिबजादों और बाबा मोतीराम मेहरा की याद में आयोजित इस कार्यक्रम ने एक बार फिर समाज को सत्य, त्याग और मानवता के मूल्यों से जोड़ा।

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