हरियाणा के 1.20 लाख Contract कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! CM नायब सैनी ने लॉन्च किया Job Security Portal

हरियाणा सरकार ने 1.20 लाख अनुबंध कर्मचारियों को स्थायित्व देने के लिए securedemployee.csharyana.gov.in पोर्टल लॉन्च किया। 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन जरूरी, 30 अप्रैल तक पूरी होगी प्रक्रिया। सभी आवेदन सिर्फ ऑनलाइन मान्य होंगे।

  • 1.20 लाख अनुबंध कर्मचारियों को मिलेगी नौकरी की गारंटी
  • 31 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
  • 30 अप्रैल तक पूरा होगा पूरा प्रोसेस
  • चार चरणों में होगी वेरिफिकेशन और अप्रूवल की कार्रवाई

Haryana Job Security Portal: हरियाणा प्रदेश में आज इतिहास रच दिया गया है। राज्य के करीब सवा लाख अनुबंध कर्मचारियों को जिस दिन का बेसब्री से इंतजार था, वो दिन आखिरकार आ ही गया। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को एक विशेष पोर्टल का उद्घाटन किया जो इन कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित हो सकता है।

इस पोर्टल का नाम securedemployee.csharyana.gov.in रखा गया है। यह सिर्फ एक वेबसाइट नहीं बल्कि उन हजारों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है जो सालों से अस्थायी नौकरी की अनिश्चितता में जी रहे थे।

एक साल से हो रही थी प्रतीक्षा

राज्य भर में फैले ये कर्मचारी पिछले एक वर्ष से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। कई लोगों ने तो अपने परिवार की योजनाएं भी इसी आस में टाल रखी थीं कि पहले नौकरी पक्की हो जाए। अब जब ये पोर्टल चालू हो गया है, तो राहत की लहर पूरे प्रदेश में देखी जा रही है।

दो दिन पहले ही इसकी पुष्टि हो गई थी। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने एक आधिकारिक पत्र जारी कर दिया था, जिसमें साफ-साफ लिखा था कि अब सारा काम डिजिटल होगा। पुराने तरीके अब काम नहीं आएंगे। न कागजी आवेदन, न ऑफलाइन दफ्तर के चक्कर।

पारदर्शिता पर जोर

रस्तोगी के पत्र में एक बात बार-बार दोहराई गई थी – पारदर्शिता। सरकार नहीं चाहती कि इस योजना में किसी भी तरह की धांधली या भाई-भतीजावाद की गुंजाइश रहे। इसीलिए जो भी आवेदन होगा, वो सिस्टम में दर्ज होगा। जो भी फैसला होगा, उसका रिकॉर्ड रहेगा। सटीकता और एकरूपता – ये दो शब्द इस पूरे अभियान के मूल मंत्र हैं।

किसी भी स्थिति में भौतिक आवेदन या ऑफलाइन दिया गया कोई भी दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह नियम सख्ती से लागू होगा।

चार चरणों में पूरा होगा काम

इस पूरी प्रक्रिया को चार अहम चरणों में बांटा गया है। हर चरण की एक तय समय-सीमा है।

पहला चरण: रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज़ जमा करना – 31 जनवरी 2025 तक सभी पात्र अनुबंध कर्मचारियों को पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करना होगा। साथ ही जरूरी दस्तावेज भी अपलोड करने होंगे। यह समय सीमा बेहद अहम है। जो लोग इसे मिस कर देंगे उन्हें बाद में परेशानी हो सकती है।

अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेज साफ और सही होने चाहिए। स्कैन की गई कॉपी अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए वरना वेरिफिकेशन में दिक्कत आ सकती है।

दूसरा चरण: सर्विस रिकॉर्ड की जांच – 28 फरवरी तक आहरण एवं संवितरण अधिकारी यानी DDO की जिम्मेदारी होगी कि वो हर कर्मचारी के सेवा रिकॉर्ड को वेरिफाई करें। ये देखा जाएगा कि कर्मचारी ने कितने साल काम किया है उसकी ड्यूटी का रिकॉर्ड क्या है और क्या वो सभी शर्तों को पूरा करता है।

यह चरण काफी संवेदनशील है क्योंकि यहीं पर तय होगा कि किस कर्मचारी को आगे बढ़ाया जाए और किसे नहीं।

तीसरा चरण: पोस्ट का सृजन – 31 मार्च तक वित्त विभाग को एक बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें पात्र कर्मचारियों के लिए सुपरन्यूमेरेरी पोस्ट बनानी होंगी। यह एक तकनीकी प्रक्रिया है, लेकिन सरल भाषा में कहें तो सरकार को नई पोस्ट क्रिएट करनी होंगी ताकि इन लोगों को रेगुलर बनाया जा सके।

वित्त विभाग के अफसरों के सामने अब काफी काम है। उन्हें बजट देखना होगा, पोस्ट की संख्या तय करनी होगी और सब कुछ नियमानुसार करना होगा।

चौथा और अंतिम चरण: फाइनल अप्रूवल – 30 अप्रैल तक संबंधित विभागों के प्रमुखों को फाइनल मंजूरी देनी होगी। यही वो समय होगा जब सेवा सुरक्षा के प्रस्ताव वाले पत्र जारी होंगे। इन पत्रों को पाने के बाद कर्मचारियों को पता चल जाएगा कि उनकी नौकरी अब स्थायी हो गई है।

अधिकारियों पर सख्त निगरानी

हरियाणा सरकार इस बार कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहती। सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्डों और निगमों के प्रबंध निदेशकों, मंडल आयुक्तों और जिला उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

आदेश में लिखा है कि तय समय-सीमा का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। अगर कोई विभाग देरी करता है या नियमों का पालन ठीक से नहीं करता तो उसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी। यानी अब अधिकारी भी लापरवाही नहीं बरत सकते। उनकी भी परफॉर्मेंस चेक होगी।

दस्तावेजों की सूची

पोर्टल पर रजिस्टर करते समय कर्मचारियों को कुछ खास दस्तावेज देने होंगे। इनमें मोबाइल नंबर, सैलरी स्लिप या भुगतान का प्रमाण, एक्सपीरियंस लेटर, पासपोर्ट साइज फोटो, वेतन प्रमाण पत्र, डिप्लॉयमेंट ऑफर लेटर और आधार कार्ड की जानकारी शामिल है।

वेतन से जुड़े सभी विवरण भी अपलोड करने होंगे। अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई दस्तावेज छूट जाता है, तो आवेदन अटक सकता है। इसलिए कर्मचारियों को सलाह दी जा रही है कि वो सभी कागजात पहले से तैयार रखें।

कर्मचारियों के लिए एक नई उम्मीद

राज्य के अलग-अलग जिलों में तैनात अनुबंध कर्मचारियों के बीच खुशी की लहर है। कई लोगों का कहना है कि सालों की बेचैनी अब खत्म होने वाली है। एक कर्मचारी ने बताया कि अनुबंध पर काम करते हुए हमेशा डर लगा रहता था कि कहीं अचानक नौकरी न चली जाए। अब लग रहा है कि जीवन में स्थिरता आएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम हरियाणा सरकार की एक दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। जब कर्मचारी सुरक्षित महसूस करते हैं तो उनकी कार्यक्षमता भी बढ़ती है। यह पहल न सिर्फ कर्मचारियों के लिए बल्कि पूरे प्रशासन की दक्षता के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।

अब आगे का रास्ता क्या होगा?

अब अगले पांच महीने बेहद अहम होंगे। जनवरी में रजिस्ट्रेशन से लेकर अप्रैल में फाइनल लेटर जारी होने तक का सफर तय करना है। इस बीच कर्मचारियों को धैर्य रखना होगा और सभी निर्देशों का पालन करना होगा।

सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार कोई शॉर्टकट नहीं चलेगा। जो लोग सही तरीके से आवेदन करेंगे और सभी मानदंडों को पूरा करेंगे, उन्हें ही लाभ मिलेगा। यह एक पारदर्शी और न्यायपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें सबको बराबर का मौका मिलेगा।

हरियाणा के 1.20 लाख अनुबंध कर्मचारियों के लिए यह दिन निश्चित रूप से यादगार है। एक लंबी लड़ाई के बाद उन्हें अपनी मांगों पर सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार अपनी तय की गई समय-सीमा का पालन कर पाती है और क्या यह योजना उतनी ही सफल होती है जितनी उम्मीद की जा रही है।

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