चंडीगढ़/हरियाणा: हरियाणा पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) ओपी सिंह ने प्रदेश में अपराध के खिलाफ एक और बड़ा अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। दिसंबर महीने में पूरे हरियाणा में ‘ऑपरेशन हॉटस्पॉट डोमिनेशन’ (Operation Hotspot Domination) चलाया जाएगा, जिसके तहत नशेड़ियों, जुआरियों, सटोरियों और असामाजिक तत्वों (anti-social elements) के अड्डों पर सख्त कार्रवाई होगी।
डीजीपी ने प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों को एक विस्तृत पत्र जारी कर ये निर्देश दिए हैं। पत्र में चौकी इंचार्ज से लेकर एडीजी रेंज तक सभी को संबोधित करते हुए उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि गांव-गांव और शहर-शहर जहां भी ऐसे अड्डे हैं, वहां कॉम्बिंग ऑपरेशन (combing operation) चलाया जाए।
‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ में 3066 कुख्यात जेल पहुंचे
डीजीपी ओपी सिंह ने अपने पत्र में 5 से 27 नवंबर तक चले ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ (Operation Trackdown) की सफलता का जिक्र करते हुए बताया कि इस दौरान 3066 कुख्यात अपराधियों (notorious criminals) को जेल भेजा गया। सैकड़ों के खिलाफ गुंडा एक्ट (Goonda Act) की धाराएं भी लगाई गईं।
उन्होंने लिखा, “आपने जो काम किया है उससे लोगों को बड़ी राहत पहुंची है। आशा की जानी चाहिए कि जेल में वे अपने बिगड़े बोल और बेढंगे चाल-चलन में सुधार लाएंगे।”
लेकिन डीजीपी का निर्देश यहीं खत्म नहीं होता। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को जेल में बंद अपराधियों से मिलने-जुलने वालों पर नजर रखने और जेलरों से तालमेल बनाए रखने को कहा है।
बेल पर छूटे अपराधियों की ‘अच्छी खबर’ लेने के आदेश
जो अपराधी इस दौरान बेल (bail) पर छूट गए हैं, उनके बारे में डीजीपी का निर्देश काफी सख्त है। उन्होंने कहा, “जो इस अवधि में जेल से बेल पा गए हैं, उनकी अच्छी खबर लें। ये सुनिश्चित करें कि वे बेल की शर्तों के अनुसार खुले में सांस लें।”
और अगर कोई दोबारा नाखून-दांत दिखाए? तो उसकी बेल कैंसिल करा दोबारा जेल ठोकने के निर्देश दिए गए हैं। यहां तक कि उनके बेल लेने वालों की भी खबर लेने को कहा गया है।
312 फरार अपराधियों को फौरन गिरफ्तार करने का आदेश
डीजीपी ने बताया कि 312 चिन्हित अपराधी (identified criminals) अभी भी फरार हैं। उन्हें फौरन गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए बगल के राज्यों की पुलिस के साथ भी सूची साझा करने को कहा गया है।
पत्र में लिखा गया, “उनके फोटो सर्कुलेट कर जिले के एसपी लोगों से उनके ठिकानों के बारे में सूचना देने के लिए आग्रह करें। साथ-साथ, उनको पी.ओ. (proclaimed offender) भी घोषित करायें और लुकआउट नोटिस जारी करायें।”
कुख्यात अपराधियों के विदेशी कनेक्शन को देखते हुए सबका पासपोर्ट (passport) रद्द कराने का भी निर्देश दिया गया है।
हथियारों पर सख्ती, गन हाउस का पूरा हिसाब रखने को कहा
डीजीपी ने अपने पत्र में काफी सख्त लहजे में लिखा, “उग्र लोगों के हाथ में हथियार हत्या का सामान है। इसे बनाने, बेचने और खरीदने वाले को ढूंढ-ढूंढ कर जेल भेजें।”
गन हाउस (gun house) का पूरा हिसाब रखने और उन पर नजर रखने को कहा गया है। खासतौर पर इसलिए क्योंकि कुछ गन हाउस ब्लैक में कारतूस (cartridges) बेचने का काम करते हैं।
सैकड़ों करोड़ की काली कमाई की जब्ती की प्रक्रिया पूरी करें
अपराधियों की सैकड़ों करोड़ रुपये की काली कमाई (illegal earnings) की सूची बनाई जा चुकी है। अब डीजीपी ने इसकी जब्ती (seizure) की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए हैं।
साथ ही नाजायज कब्जों को ढहाने में सिविल प्रशासन (civil administration) की सहायता करने और अपराधियों की हिस्ट्रीशीट अप-टू-डेट करने को भी कहा गया है। गश्त पर जाने वाली टीमों को इनकी नियमित चेकिंग और खामोश रहने की हिदायत देते रहने के निर्देश हैं।
दिसंबर में ‘ऑपरेशन हॉटस्पॉट डोमिनेशन’ की रणनीति
डीजीपी ने कहा कि अक्सर शिकायत आती है कि गांव-गांव, शहर-शहर में नशेड़ियों, जुआरियों, सटोरियों और आवारागर्दों (vagabonds) के अड्डे बने हुए हैं। इसलिए दिसंबर में विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इस ऑपरेशन के तहत:
- ऐसे अड्डों में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलेगा
- सुबह-शाम गश्त भेजी जाएंगी
- सिविल प्रशासन को वहां सफाई के लिए कहा जाएगा
- अंधेरे रास्ते जहां से महिलाओं का आना-जाना होता है, वहां लाइट लगवाई जाएगी और गश्त भेजी जाएगी
मानवीय पहलू: “कोई सर्दी से न ठिठुरे, भूखा न सोए”
अपने पत्र के अंत में डीजीपी ओपी सिंह ने एक मानवीय पहलू भी जोड़ा है। सर्दी के मौसम को देखते हुए उन्होंने कहा कि हर किसी के पास घर-कंबल नहीं होता।
उन्होंने लिखा, “ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो इनकी सहायता करने को उद्धत रहते हैं। दोनों के बीच संपर्क स्थापित करें। सरकार की भी योजनाएं हैं तो इनको उससे भी जोड़ें। संकल्प लें कि आपके इलाके में कोई सर्दी से ना ठिठुरे, भूखा ना सोए।”
यह निर्देश हरियाणा पुलिस की सख्ती के साथ-साथ संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। दिसंबर में शुरू होने वाला यह अभियान कितना असरदार होता है, यह तो वक्त ही बताएगा।
