हरियाणा में दो दिन की टोटल डॉक्टर हड़ताल: 8-9 दिसंबर को इमरजेंसी और पोस्टमार्टम भी बंद, स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा खतरा

Haryana News: राज्य के सरकारी डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि वे 8 और 9 दिसंबर को प्रदेश-व्यापी हड़ताल पर जाएंगे—और इस बार असर सिर्फ ओपीडी तक सीमित नहीं रहेगा। इमरजेंसी और पोस्टमार्टम जैसी अहम सेवाएं भी बंद रहेंगी, जिससे स्वास्थ्य ढांचा सीधे दबाव में आ सकता है।

यह फैसला हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (H CMSA) के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ख्यालिया ने मंगलवार को घोषित किया।

लेकिन यह सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि डॉक्टरों के भीतर लंबे समय से जमा हो रहे असंतोष का विस्फोट माना जा रहा है।

डॉक्टरों के भीतर बढ़ती बेचैनी — “इज़्ज़त बचानी है”

राजेश ख्यालिया का कहना है कि मौजूदा हालात डॉक्टरों के सम्मान पर सीधा हमला हैं।

उन्होंने कहा,

“कोरोना के समय हमें भगवान कहा गया, लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि क्षेत्र में लिंगानुपात कम होने पर डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया जाता है। विदेश जाने के लिए साधारण NOC तक नहीं मिलती। हम अपनी डिग्निटी की लड़ाई लड़ रहे हैं।”

डॉक्टरों की सबसे बड़ी मांग—

  • सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) की सीधी भर्ती पर रोक लगे

  • ACP (अधिकतम कैडर पदोन्नति) लागू की जाए

एसोसिएशन का कहना है कि सिस्टम डॉक्टरों को करियर ग्रोथ और सम्मान दोनों से वंचित कर रहा है।

अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी — ज़िम्मेदारी किसकी?

हरियाणा में सरकारी अस्पताल पहले से ही डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहे हैं।

ख्यालिया ने दावा किया कि राज्य में 3000 क्लास-वन डॉक्टरों की भर्ती की जरूरत को सरकार लगातार नज़रअंदाज़ कर रही है।Haryana News

परिणाम—

  • डॉक्टरों पर बढ़ता काम का बोझ

  • थकान और तनाव

  • बेहतर अवसरों के लिए विदेश जाना

उन्होंने कहा,

“देश छोड़कर जाने वाले डॉक्टरों को दोष देना आसान है, लेकिन वजह समझनी होगी—काम का दबाव बढ़ रहा है, सम्मान कम हो रहा है।”

हड़ताल का सबसे बड़ा असर—आम मरीज पर

दो दिन की हड़ताल का मतलब है—

  • इमरजेंसी बंद

  • पोस्टमार्टम रुकेगा

  • रूटीन ट्रीटमेंट बाधित

  • ग्रामीण अस्पताल सबसे ज्यादा प्रभावित

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर विवाद गहराया, तो इसका असर मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर ट्रॉमा केयर तक दिख सकता है।Haryana News

सरकार की अगली चाल क्या होगी?

अब पूरा ध्यान इस बात पर है कि

  • क्या सरकार बातचीत के दरवाजे खोलेगी?

  • क्या डॉक्टरों की ACP और भर्ती संबंधी मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाया जाएगा?

क्योंकि अगर समझौता नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सेवाएं बड़े संकट में फंस सकती हैं।Haryana News

डॉक्टरों की भावनात्मक अपील

राजेश ख्यालिया ने प्रदेश के सभी डॉक्टर्स से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा—

“यह लड़ाई सिर्फ नौकरी की नहीं, अपनी प्रोफेशनल गरिमा की है। अगर हम चुप रहे, तो हमारा सम्मान हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।”

यह आंदोलन सिर्फ डॉक्टरों का मुद्दा नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है जो स्वास्थ्य सेवाएं लेने अस्पताल पहुंचता है।Haryana News

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