हरियाणा HCS काडर में बड़ा बदलाव: 319 पद तय, नई तैनाती व्यवस्था और डिप्टी कमिश्नर लेवल पर फेरबदल

  • हरियाणा सरकार ने HCS काडर तीन साल के लिए संशोधित किया
  • कुल 319 पद, जिनमें 205 कार्यरत पद अंतिम रूप से चिन्हित
  • पाँच SDO (सिविल) पद अब IAS के लिए आरक्षित
  • प्रशासनिक दक्षता और विभागीय जरूरतों के अनुसार नई संरचना लागू

हरियाणा 25 दिसंबर (NFLSpice News): हरियाणा सरकार ने सिविल सेवा (कार्यकारी शाखा) काडर को तीन वर्षों के लिए पुनर्गठित कर दिया है। इस बदलाव के साथ राज्य में अब कुल 319 पद अधिकृत रूप से चिन्हित किए गए हैं। प्रशासनिक ढांचे में इस फेरबदल को राज्य की नई कार्यप्रणाली और भविष्य की प्रशासनिक जरूरतों के अनुरूप बताया जा रहा है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी द्वारा जारी अधिसूचना के बाद यह संशोधन तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।

नया ढांचा क्या कहता है

कुल सीटों में से 205 पद ऐसे होंगे जो प्रत्यक्ष रूप से विभागों और जिला इकाइयों में कार्यरत अधिकारियों के लिए होंगे। पहले यह संख्या 210 थी लेकिन पांच पद सब डिविजनल ऑफिसर (सिविल) की श्रेणी से बाहर किए गए हैं। इन पर अब जूनियर स्केल आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। राज्य स्तरीय अफसरशाही में यह कदम पहली नजर में एक बड़े फंक्शनल री-डिस्ट्रिब्यूशन जैसा लगता है जो भूमिकाओं में स्पष्टता और दक्षता बढ़ाने की कोशिश करता दिखाई देता है।

डेपुटेशन, अवकाश और अप्रत्याशित जरूरतों के लिए पद आरक्षित

अधिसूचना में उल्लेख है कि 84 पद डेपुटेशन रिजर्व के लिए निर्धारित होंगे। इनमें से 34 पद उन पदनामों से समायोजित कर बनाए गए हैं जिन्हें समाप्त कर दिया गया है या वापस ले लिया गया है। इनमें सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण और हरियाणा रोडवेज के महाप्रबंधक जैसे महत्वपूर्ण पद शामिल हैं।

साथ ही 10 पद अवकाश रिजर्व, 10 प्रशिक्षण रिजर्व और 10 अप्रत्याशित प्रशासनिक जरूरतों के लिए सुरक्षित रखे गए हैं।
यह परिवर्तन संकेत देता है कि हरियाणा प्रशासन आगामी वर्षों में कैडर लचीलापन, कौशल विकास और इमरजेंसी मैनेजमेंट को प्राथमिकता देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

उच्च पदों पर नई परिभाषा

सुपर टाइम स्केल में स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यटन समेत कई क्षेत्रों में अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) जैसे पद शामिल किए गए हैं। कराधान और परिवहन जैसे मजबूत विभागों में अतिरिक्त आयुक्त स्तर के पद भी इस श्रेणी में रखे गए हैं। इन पदों को नीति कार्यान्वयन और विभागीय मॉनिटरिंग के लिए निर्णायक माना जाता है।

सरकारी हलकों में माना जा रहा है कि इस पुनर्गठन से उन अधिकारियों को भी स्पष्ट रोडमैप मिलेगा जो लंबे समय से पदोन्नति और स्केल निर्धारण की प्रतीक्षा में थे।

जिला ढांचे में बदलाव और युवा अधिकारियों की भूमिका

सीनियर स्केल श्रेणी के तहत अब 80 सब डिविजनल ऑफिसर (सिविल) होंगे, लेकिन इनकी भूमिका पहले की तुलना में अधिक स्पष्ट और विभागीय समन्वय पर केंद्रित होगी।

जिला परिषद, डीआरडीए, और मंडलायुक्त कार्यालय स्तर पर नए पदों की रचना से विकास परियोजनाओं की मॉनिटरिंग और ग्राउंड-लेवल डिसीजन मेकिंग को मजबूत करने की उम्मीद जताई जा रही है।

विशेष रूप से 22 सिटी मजिस्ट्रेट और 22 जिला परिषद–कम–डीआरडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पदों को शामिल करना बताता है कि सरकार फील्ड एडमिनिस्ट्रेशन को गति देने के मूड में है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह बदलाव

यह कदम सिर्फ संख्या बढ़ाने या घटाने का मामला नहीं है। यह स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन में उस संक्रमण का हिस्सा है जहां राज्य भविष्य की चुनौतियों, डिजिटल प्रशासन, त्वरित सेवा आपूर्ति, और लोक शिकायत निस्तारण के लिए खुद को तैयार कर रहा है।

अधिकारियों की नियुक्ति और जिम्मेदारी के बीच नई तालमेल की यह कोशिश हरियाणा की गवर्नेंस शैली में बड़ा संकेत मानी जा रही है।

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