हरियाणा पुलिस की मेगा प्लानिंग! जेल से चल रहे एक्सटॉर्शन रैकेट और ड्रग माफ़िया पर कसेगा शिकंजा, DGP की अध्यक्षता में अहम बैठक
हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में डीजीपी ओ.पी. सिंह की अध्यक्षता में रविवार को उच्च स्तरीय बैठक होगी। एक्सटॉर्शन, ड्रग तस्करी, साइबर क्राइम और आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए 2026 की रणनीति तैयार की जाएगी।
- 2026 की पुलिसिंग पर मंथन, DGP की हाई-लेवल मीटिंग
- जेल से चल रहे एक्सटॉर्शन रैकेट पर सख्ती
- नशा और साइबर क्राइम पर नई रणनीति
- मेवात में आतंकी गतिविधियों की गहन समीक्षा
चंडीगढ़, 27 दिसंबर (NFLSpice News): मधुबन स्थित हरियाणा पुलिस अकादमी में रविवार को एक अहम बैठक होने जा रही है। डीजीपी ओ.पी. सिंह की अध्यक्षता में होने वाली इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्य भर से वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जुटेंगे।
यह सिर्फ़ एक औपचारिक बैठक नहीं है। बल्कि 2025 की परिचालन सीख को समेटते हुए 2026 के लिए अपराध नियंत्रण और संचार रणनीति का खाका तैयार करने का मौक़ा है।
जेल से चल रहे एक्सटॉर्शन रैकेट पर लगेगी लगाम
एक्सटॉर्शन और सुपारी हत्याओं का मामला अब चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। ख़ासतौर पर जेलों या विदेश से मोबाइल नेटवर्क और सोशल मीडिया के ज़रिए संचालित किए जा रहे अपराधी गिरोहों ने पुलिस के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
अधिकारी इस समस्या से निपटने के लिए नए निवारक ढांचे पर विचार-विमर्श करेंगे। लक्षित निगरानी, कार्रवाई योग्य खुफ़िया जानकारी साझा करना और जेल अधिकारियों के साथ बेहतर समन्वय इस रणनीति के मुख्य स्तंभ होंगे।
डिजिटल फ़ॉरेंसिक का इस्तेमाल कर एक्सटॉर्शन नेटवर्क को उनके स्रोत पर ही ख़त्म करने की योजना बनाई जा रही है।
नशे के ख़िलाफ़ अभियान होगा और तेज़
हरियाणा पुलिस का एंटी-नार्कोटिक्स अभियान पूरे देश में अपने पैमाने और नवाचार के लिए पहचाना जा रहा है। 2026 में इसे और धारदार बनाने की तैयारी है।
पंजाब, राजस्थान और दिल्ली की सीमाओं पर सक्रिय संगठित ड्रग कार्टेल को ध्वस्त करना मुख्य लक्ष्य होगा। हॉटस्पॉट ज़िलों में चल रहे ऑपरेशन की समीक्षा की जाएगी।
एनसीबी, बीएसएफ और पड़ोसी राज्यों की पुलिस इकाइयों के साथ बेहतर सहयोग पर ज़ोर दिया जाएगा। ड्रोन निगरानी से लेकर सप्लाई चेन की डिजिटल ट्रैकिंग तक, मैदानी स्तर पर अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाएगा।
साइबर अपराध से निपटने की नई रणनीति
साइबर क्राइम की रोकथाम और पहचान पर भी गहन चर्चा होगी। अधिकारी 2025 में सफल कार्रवाइयों के केस स्टडी पेश करेंगे।
साइबर पुलिस स्टेशनों को मज़बूत बनाने, एआई-आधारित डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करने और जांचकर्ताओं की क्षमता निर्माण के उपायों पर विचार होगा।
नागरिक जागरूकता अभियान, डिजिटल स्वच्छता और साइबर हेल्पलाइन के ज़रिए तेज़ निवारण पर रोडमैप तैयार किया जाएगा।
मेवात में आतंकी गतिविधियों की समीक्षा
2025 में जो अपराध पैटर्न सामने आए हैं, उनकी भी विस्तृत समीक्षा होगी। मेवात क्षेत्र के कुछ हिस्सों में आतंकी सेल और कट्टरपंथी तत्वों की गतिविधियां चिंता का विषय रही हैं।
कुछ इलाक़ों में हुई ग्रेनेड घटनाओं पर भी चर्चा होगी। इन गंभीर मुद्दों से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी।
23 ज़िलों के शीर्ष अधिकारी होंगे शामिल
इस रणनीति सत्र में एडीजीपी, आईजी, पुलिस आयुक्त, रेंज डीआईजी और सभी 23 ज़िलों के एसपी हिस्सा लेंगे।
सत्र का उद्देश्य मैदानी अनुभवों, उभरते आपराधिक रुझानों और बदलती पुलिसिंग चुनौतियों के आधार पर रणनीतिक सुधार और नीतिगत नवाचार की पहचान करना है।
आधिकारिक बयान के अनुसार, संगठित अपराध, नशा नियंत्रण, साइबर अपराध रोकथाम और रणनीतिक जनसंपर्क की गहन समीक्षा होगी।
तीन आयामी दृष्टिकोण होगा फ़ोकस
डीजीपी विचार-मंथन सत्र के बाद रणनीतिक निर्देश जारी करने की उम्मीद है। 2026 की पुलिसिंग प्राथमिकताएं तीन आयामी फ़ोकस के साथ निर्धारित होंगी।
कानून प्रवर्तन उत्कृष्टता, संस्थागत तालमेल और लोगों का विश्वास बनाना – ये तीन मुख्य स्तंभ होंगे।
पुलिसिंग को अधिक सक्रिय, खुफ़िया-संचालित और जन-केंद्रित बनाने पर ज़ोर दिया जाएगा। मधुबन सत्र के नतीजे राज्य की वार्षिक पुलिसिंग योजना को आकार देंगे।
ज़िलों में परिचालन लक्ष्यों का आधार भी यही बैठक तय करेगी। हरियाणा पुलिस 2026 में एक नया अध्याय लिखने की तैयारी में जुटी है।
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