Haryana News: हरियाणा में शिक्षकों के तबादले (Teacher Transfer) का पुराना ज़ोन सिस्टम अब खत्म हो गया। राज्य सरकार ने ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर पॉलिसी में नौ साल में तीसरी बार बड़ा बदलाव करते हुए एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। 4 नवंबर को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस संशोधित पॉलिसी को मंजूरी दे दी गई।
इस नई व्यवस्था में सबसे बड़ी बात यह है कि पिछड़े और संवेदनशील इलाकों में तैनात टीचरों को अब 10 फीसदी एक्स्ट्रा सैलरी मिलेगी।
कौन से इलाकों के टीचरों को मिलेगा फायदा?
नई पॉलिसी के मुताबिक पलवल जिले का हथीन ब्लॉक, पंचकूला का मोरनी ब्लॉक और पूरे नूंह जिले में पोस्टेड शिक्षकों को उनकी बेसिक सैलरी में 10 प्रतिशत का इजाफा किया जाएगा। यह रकम डीए (Dearness Allowance) के साथ जुड़ेगी।
इतना ही नहीं, इन इलाकों में काम कर रहे गेस्ट टीचर्स को हर महीने अलग से 10 हजार रुपये का स्पेशल अलाउंस भी दिया जाएगा।
हालांकि एक शर्त यह है कि अगर कोई टीचर खुद अपनी मर्जी से इन जगहों पर पोस्टिंग चुनता है, तो उसे यह एक्स्ट्रा बेनिफिट नहीं मिलेगा। यानी सिर्फ वही शिक्षक इसके हकदार होंगे जिन्हें सरकारी नियमों के तहत वहां भेजा जाएगा।
अब नहीं होगा जोन, सीधे स्कूल चुनने की सुविधा
पहले की व्यवस्था में टीचर को तबादले के लिए सिर्फ अपना जोन चुनना होता था। उसके बाद खाली सीटों के हिसाब से उसे किसी स्कूल में भेज दिया जाता था। लेकिन अब यह सिस्टम पूरी तरह खत्म कर दिया गया है।
अब टीचर सीधे अपनी पसंद का स्कूल चुन सकेंगे। यह सुविधा पहली बार शिक्षकों को दी जा रही है, जिससे उन्हें अपनी सुविधा और परिवार की जरूरतों के मुताबिक जगह चुनने में आसानी होगी।
80 अंक की मेरिट, उम्र को सबसे ज्यादा वेटेज
नई ट्रांसफर पॉलिसी में मेरिट का पूरा खेल 80 पॉइंट्स पर आधारित होगा। इसमें सबसे बड़ा हिस्सा यानी 60 अंक सिर्फ उम्र के लिए रखे गए हैं। मतलब साफ है कि जितनी ज्यादा उम्र, उतने ज्यादा मार्क्स।
बाकी के 20 अंक अलग-अलग कैटेगरी में बांटे गए हैं। इनमें महिला टीचर्स, विधवा या विधुर शिक्षक, दिव्यांग शिक्षक, गंभीर बीमारी से जूझ रहे शिक्षक और अच्छे रिजल्ट देने वाले टीचरों को प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा महिला मुखिया वाले परिवार के शिक्षकों को भी अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।
लेकिन एक सख्त नियम यह भी है कि जिन शिक्षकों के खिलाफ कोई केस चल रहा है या चार्जशीट लगी हुई है, उनके 10 नंबर काट लिए जाएंगे।
पति-पत्नी दोनों को नहीं मिलेगा साथ ट्रांसफर का फायदा
पुरानी पॉलिसी में अगर पति-पत्नी दोनों टीचर थे तो उन्हें ट्रांसफर में 10 एक्स्ट्रा मार्क्स दिए जाते थे। अब यह सुविधा खत्म कर दी गई है। हालांकि दोनों के बीच दूरी कम करने के लिए सिर्फ 5 अंक दिए जाएंगे, वह भी सिर्फ एक पार्टनर को।
यानी अब दोनों को एक साथ फायदा नहीं होगा। यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा टीचरों को मेरिट के आधार पर मौका मिल सके।
2016 से शुरू हुई थी यह व्यवस्था
ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी का आइडिया करीब नौ साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिया था। पहली बार 2016 में इसे लागू किया गया और पूरे देश में इसकी काफी तारीफ हुई थी। कई दूसरे राज्यों ने भी इस मॉडल को अपनाया।
इस व्यवस्था से नेताओं और अफसरों की सिफारिशों का खेल लगभग खत्म हो गया, जिससे ट्रांसफर में होने वाले भ्रष्टाचार में काफी कमी आई। हालांकि तबादले सिर्फ 2016, 2017, 2019 और 2022 में हुए थे। सालाना ट्रांसफर की बात तो की गई थी, लेकिन हर साल यह हो नहीं पाया।
2025 के संशोधन का मकसद
शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने संशोधित पॉलिसी का नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य पुराने नियमों में मौजूद कन्फ्यूजन को दूर करना और पूरी प्रक्रिया को आसान बनाना है।
साथ ही ट्रांसपेरेंसी और फेयरनेस पर खास जोर दिया गया है। अब जल्द ही राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले होने की उम्मीद जताई जा रही है।
कुल मिलाकर हरियाणा सरकार का यह कदम शिक्षकों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दूर-दराज के इलाकों में पढ़ा रहे हैं। लेकिन साथ ही यह भी देखना होगा कि नई व्यवस्था ग्राउंड लेवल पर कैसे लागू होती है और क्या वाकई में भाई-भतीजावाद और सिफारिशों से मुक्ति मिलती है।

