Haryana News: हरियाणा में राशन वितरण को और तेज, पारदर्शी और हाईटेक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है. प्रदेश के करीब 9400 राशन डिपो को स्मार्ट बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है. अब पुरानी 2G पीओएस मशीनों की जगह 5G पीओएस मशीनें लगाई जाएंगी. साथ ही, फेस रीडिंग और ई-तौल जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शुरू होंगी.
तेज और पारदर्शी होगा राशन वितरण
नई 5G मशीनों के आने से राशन डिपो पर काम की गति बढ़ेगी. ग्रामीण इलाकों में 2G मशीनों के कारण नेटवर्क की दिक्कत से राशन वितरण में देरी होती थी. अब 5G मशीनें तेज कनेक्टिविटी देंगी, जिससे उपभोक्ताओं को राशन लेने में आसानी होगी. फेस रीडिंग और ई-तौल से गड़बड़ी की आशंका भी कम होगी. इससे राशन वितरण पूरी तरह पारदर्शी होगा.
कब तक आएंगी नई मशीनें?
हरियाणा खाद्य व आपूर्ति विभाग ने इस प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है. 15 सितंबर तक टेंडर भरे जाएंगे, और नवंबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. 15 नवंबर तक सभी राशन डिपो पर 5G मशीनें पहुंचाने का लक्ष्य है.
किराए में हो सकती है बढ़ोतरी
वर्तमान में 2G पीओएस मशीनों का मासिक किराया 1250 रुपये है, जिसमें सिर्फ बायोमेट्रिक (अंगूठे) की सुविधा है. नई 5G मशीनों में फेस रीडिंग और ई-तौल की सुविधा जुड़ने से किराया 500 से 700 रुपये तक बढ़ सकता है. हालांकि, अंतिम किराया टेंडर प्रक्रिया के बाद तय होगा.
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
ग्रामीण क्षेत्रों में 2G मशीनों की धीमी स्पीड और नेटवर्क की समस्या से उपभोक्ताओं को परेशानी होती थी. कई बार राशन लेने में देरी हो जाती थी. 5G मशीनें इन समस्याओं को खत्म करेंगी और राशन वितरण को और सुरक्षित बनाएंगी. यह कदम हरियाणा के डिजिटल इंडिया के सपने को और मजबूत करेगा.
आपकी क्या राय है?
अपनी प्रतिक्रिया यहां साझा करें — हमें जानकर खुशी होगी कि आप इस खबर के बारे में कैसा महसूस कर रहे है!