इंस्टाग्राम से नाबालिग से दोस्ती, 4 दिन ट्रक में कैद कर किया रेप: रेवाड़ी कोर्ट ने आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई

  • रेवाड़ी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बाद नाबालिग का अपहरण कर ट्रक में 4 दिन तक रेप करने वाले गोहाना के अर्जुन को 20 साल कैद और 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। पीड़िता को हिसार बुलाकर UP ले गया था आरोपी।

रेवाड़ी। सोशल मीडिया की चकाचौंध में फंसकर एक नाबालिग लड़की की जिंदगी उस वक्त अंधेरे में डूब गई जब उसकी ऑनलाइन दोस्ती एक खतरनाक शिकारी के जाल में फंस गई। हरियाणा के रेवाड़ी जिले की फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने इस दिल दहला देने वाली घटना में गोहाना निवासी अर्जुन को दोषी ठहराते हुए 20 साल की कड़ी सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) लोकेश गुप्ता की अदालत ने आरोपी पर 20 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है। अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो अतिरिक्त 20 महीने की जेल काटनी पड़ेगी।

यह मामला फरवरी 2024 का है जब धारूहेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग लड़की इंस्टाग्राम पर अर्जुन से जुड़ी। बातचीत शुरू हुई मासूमियत से लेकिन जल्द ही आरोपी ने अपना असली रंग दिखाया। 13 फरवरी को उसने लड़की को फोन पर हिसार बुलाया। भरोसे में आई लड़की वहां पहुंची तो अर्जुन ने उसे ट्रक में बैठाकर उत्तर प्रदेश की ओर ले गया।

अगले चार दिन पीड़िता के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थे। आरोपी ने उसे ट्रक में ही कैद रखा, घुमाता रहा और बार-बार यौन शोषण किया। लड़की की चीखें ट्रक की दीवारों में ही दबकर रह गईं।

आखिरकार 18 फरवरी को अर्जुन ने उसे रोहतक बस स्टैंड पर छोड़ दिया और फरार हो गया। घर लौटी लड़की ने रोते-बिलखते परिजनों को पूरी दास्तां सुनाई। सदमा लगा परिवार तुरंत धारूहेड़ा पुलिस के पास पहुंचा।

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया और आरोपी अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य सबूतों ने आरोपी की पोल खोल दी। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस की मजबूत दलीलों को आधार बनाते हुए यह सख्त फैसला सुनाया।

यह घटना एक बार फिर सोशल मीडिया के खतरे को उजागर करती है। माता-पिता अक्सर चिंतित रहते हैं कि उनके बच्चे ऑनलाइन दुनिया में कितने सुरक्षित हैं।

इस घटना ने साबित कर दिया है कि नाबालिगों को अजनबियों से बात करने की आजादी देने से पहले सतर्कता जरूरी है। इस मामले में पीड़िता की हिम्मत और न्याय व्यवस्था की तेजी ने उम्मीद जगाई है कि ऐसे दरिंदों को सजा मिलेगी। अब सवाल यह है कि क्या सोशल प्लेटफॉर्म्स अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे और बच्चों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएंगे? (एनएफएल स्पाइस) रेवाड़ी

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