Haryana News: हरियाणा के झज्जर में रविवार सुबह कालियावास गांव के पास हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया है। चरखी दादरी के एक निजी स्कूल की बस और हरियाणा रोडवेज की बस के बीच टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कूल बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में एक मासूम स्कूली छात्रा की मौत हो गई, जबकि 31 लोग घायल हुए—जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि टक्कर के बाद बच्चों की चीख-पुकार सुनकर गांवों से लोग दौड़ पड़े और तुरंत राहत कार्य शुरू किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया और सीधे प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी। उन्होंने कहा, “एक मासूम बच्ची की जान जाना पूरे समाज के लिए बेहद पीड़ादायक है।” मुख्यमंत्री ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इलाज में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
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सरकार ने मृत छात्रा के परिवार को 2.50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मंजूरी दी है, जबकि गंभीर रूप से घायल 8 व्यक्तियों को 50-50 हजार रुपये की मदद प्रदान की जाएगी। बाकी घायलों को भी आवश्यक चिकित्सा सुविधा और निगरानी दिए जाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
इधर चरखी दादरी के भाजपा विधायक सुनील सांगवान ने भी सोशल मीडिया पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने दिवंगत बच्ची ईशिका (निवासी दादरी) का नाम लेते हुए लिखा कि यह घटना “हृदयविदारक” है और पूरे क्षेत्र को मर्माहत कर देने वाली है। उन्होंने लिखा,
“इस हादसे ने मासूम बच्चों, स्कूल स्टाफ और यात्रियों को जो दर्द दिया है, वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”
विधायक सांगवान ने ईशिका की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा समाज पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। स्थानीय लोगों में भी घटना को लेकर गहरा आक्रोश व दुख है। कई अभिभावकों ने मांग की है कि स्कूल बसों की फिटनेस और सुरक्षा मानकों की जल्द ही व्यापक जांच की जाए, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाएं फिर दोबारा न हों।
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हादसे की वजह की जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक जानकारी के अनुसार सुबह के समय सड़क पर कम विजिबिलिटी और रफ्तार इसका कारण हो सकते हैं। प्रशासन ने दोनों बसों के ड्राइवरों के बयान दर्ज कर लिए हैं और दुर्घटना की तकनीकी जांच विशेषज्ञों की टीम को सौंप दी है।
इस दुखद घटना ने एक बार फिर हरियाणा में ग्रामीण रूट्स पर चलने वाली स्कूल बसों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं—और लोगों को उम्मीद है कि इस हादसे के बाद सुरक्षा मानकों को लेकर सख्त कदम जरूर उठाए जाएंगे।