Haryana News: हरियाणा के औद्योगिक नक्शे पर एक बड़ा बदलाव आकार लेने लगा है। एचएसआइआइडीसी ने खरखौदा इंडस्ट्रियल माडल टाउन के फेज-2 को लेकर औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले समय में सोनीपत और झज्जर का यह इलाका राज्य का नया इंडस्ट्रियल हॉटस्पॉट बनने वाला है। शुरुआती कदम के तौर पर जमीन का मूल्यांकन कराया जाएगा, जिसके बाद किसानों की जमीन चिन्हित कर अधिग्रहण की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा।
योजना के मुताबिक IMT का यह विस्तार सिर्फ कागज़ी नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच के साथ किया जा रहा है। कुल करीब 5800 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित फेज-2 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि केएमपी एक्सप्रेसवे को क्रॉस न करना पड़े। इसके बजाय इसे सीधे दिल्ली-जम्मू कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसका सीधा मतलब यह है कि यहां आने वाले उद्योगों को उत्तर भारत के बड़े बाजारों और लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर तक तेज और सुगम पहुंच मिलेगी।
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जमीन चयन की प्रक्रिया में प्रशासन ने क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा है। सोनीपत के खरखौदा क्षेत्र के पांच गांवों की करीब 2,175 एकड़ जमीन को IMT विस्तार में शामिल किया गया है, जबकि झज्जर जिले के छह गांवों में 3,625 एकड़ जमीन पहले ही चिन्हित की जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, इस विस्तार से दोनों जिलों में औद्योगिक गतिविधियां एक-दूसरे से जुड़ेंगी और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
इस पूरी कवायद का असर जमीन बाजार पर भी साफ दिखने लगा है। IMT के आसपास के गांवों में जमीन के दाम तेजी से उछले हैं और कई जगह कीमतें 8 से 10 करोड़ रुपये प्रति एकड़ तक पहुंच चुकी हैं। स्थानीय किसानों और जमीन मालिकों के बीच हलचल है—कोई बेहतर मुआवजे की उम्मीद में है तो कोई आने वाले औद्योगिक विकास को अपने बच्चों के भविष्य से जोड़कर देख रहा है।
एचएसआइआइडीसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फेज-2 का मकसद सिर्फ जमीन बढ़ाना नहीं, बल्कि ऐसा इंडस्ट्रियल क्लस्टर खड़ा करना है जो मल्टीनेशनल कंपनियों से लेकर बड़े घरेलू उद्योगों तक को आकर्षित कर सके। एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी, बड़े प्लॉट और नियोजित ढांचा इस प्रोजेक्ट को उत्तर भारत के सबसे अहम औद्योगिक प्रोजेक्ट्स में शामिल कर सकता है।
