कुतीना गांव में शुरू हुई ई-गुरुकुल लाइब्रेरी, बिना फीस छात्रों को मिलेगा आधुनिक अध्ययन माहौल

कुतीना गांव में पढ़ाई को लेकर एक नई उम्मीद ने आकार लिया है। गांव के बीचों-बीच शुरू हुई ई-गुरुकुल लाइब्रेरी सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि उन छात्रों के लिए राहत है जो अब तक सीमित संसाधनों और भीड़भाड़ वाले माहौल में पढ़ने को मजबूर थे। इस लाइब्रेरी का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के सहयोग से हुआ है, जिस पर करीब 10 लाख रुपये की लागत आई है।

ग्राम पंचायत कुतीना ने इस पहल को जमीन पर उतारने में अहम भूमिका निभाई। पंचायत की ओर से लगभग दो लाख रुपये खर्च कर आधुनिक फर्नीचर, बैठने की बेहतर व्यवस्था और जरूरी सुविधाएं जुटाई गईं। गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक, हर किसी की जुबान पर एक ही बात है—अब बच्चों को पढ़ाई के लिए गांव से बाहर भटकना नहीं पड़ेगा।

ई-गुरुकुल लाइब्रेरी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों के साथ-साथ नियमित पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को भी शांत और अनुशासित माहौल मिल सके। सुबह से शाम तक पढ़ने की सुविधा, पर्याप्त रोशनी और व्यवस्थित बैठने की व्यवस्था इसे सामान्य लाइब्रेरी से अलग बनाती है।

ग्राम पंचायत कुतीना के सरपंच रविंद्र चौहान का कहना है कि यह लाइब्रेरी पूरी तरह निशुल्क रहेगी। न कोई सदस्यता शुल्क, न मासिक चार्ज। उनका साफ कहना है कि आर्थिक स्थिति किसी भी बच्चे की पढ़ाई में बाधा नहीं बननी चाहिए। इसी सोच के साथ पंचायत ने यह सुनिश्चित किया है कि कमजोर वर्ग के छात्र भी बिना किसी झिझक के यहां आकर पढ़ सकें।

लाइब्रेरी में प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक विद्यार्थी ग्राम पंचायत कार्यालय या तय किए गए संपर्क केंद्र पर जाकर नामांकन करा सकते हैं। छात्रों की संख्या और सुविधाओं को देखते हुए कुछ संचालन नियम बनाए गए हैं, ताकि सभी को बराबर अवसर मिल सके और पढ़ाई का माहौल बना रहे।

गांव में इस पहल को लेकर उत्साह साफ नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों का मानना है कि ई-गुरुकुल लाइब्रेरी से सिर्फ परीक्षा की तैयारी ही नहीं होगी, बल्कि पढ़ाई को लेकर जो उदासीनता थी, वह भी टूटेगी। कई अभिभावकों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में कुतीना

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