हरियाणा की लाडो लक्ष्मी योजना: 21 लाख महिलाओं को मिलेगी आर्थिक मदद

Priyanshi Rao
हरियाणा की लाडो लक्ष्मी योजना: 21 लाख महिलाओं को मिलेगी आर्थिक मदद

हरियाणा सरकार महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत करने जा रही है. 25 सितंबर से दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना शुरू होगी जिसके तहत 21 लाख महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये की सहायता मिलेगी. यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का एक बड़ा कदम है. आइये जानते है की किन किन महिलाओं को इसका लाभ मिलने जा रहा है और काईन से जिले में कितनी महिलाएं लाभ लेने जा रही है.

पंचकूला में होगा भव्य लॉन्च

पंचकूला में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इस योजना को लॉन्च करेंगे. इसी दिन योजना के लिए एक खास मोबाइल ऐप भी शुरू होगा जिसके जरिए पंजीकरण प्रक्रिया आसान होगी. 25 सितंबर से रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएंगे और 1 नवंबर यानी हरियाणा दिवस से महिलाओं के खातों में पैसे आने शुरू होंगे.

किन्हें मिलेगा लाभ?

परिवार पहचान प्राधिकरण के आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना से करीब 21 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी. इसमें 23 से 45 साल की 2.82 लाख अविवाहित और 23 से 60 साल की 18.14 लाख विवाहित महिलाएं शामिल हैं. खासकर हिसार, नूंह, सिरसा, यमुनानगर और करनाल जिलों में सबसे ज्यादा लाभार्थी हैं. हिसार में 1.52 लाख और नूंह में 1.33 लाख विवाहित महिलाएं इस योजना का फायदा उठाएंगी.

तैयारियां जोरों पर

योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी. कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. समाज कल्याण, स्वास्थ्य और नागरिक संसाधन सूचना विभाग के अधिकारी दिन-रात तैयारियों में जुटे हैं. सोमवार और मंगलवार को सरकारी अवकाश होने के बावजूद अधिकारी ड्यूटी पर तैनात रहेंगे ताकि लॉन्चिंग में कोई कमी न रहे. इस योजना को लेकर महिलाओं में जबरदस्त उत्साह है. यह योजना न केवल आर्थिक मदद देगी बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी. हरियाणा सरकार का यह कदम महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है.

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प्रियांशी राव एक समर्पित पत्रकार हैं जो हरियाणा राज्य से जुड़ी खबरों को कवर करती हैं। उन्होंने पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। वर्तमान में एनएफएलस्पाइस न्यूज़ के लिए काम करती हैं। एनएफएलस्पाइस न्यूज़ से जुड़े होने के अलावा, उन्हें प्रमुख मीडिया समूहों के साथ काम करने का अनुभव भी है। कृषि क्षेत्र में उनकी पृष्ठभूमि किसानों से संबंधित उनके लेखों को काफी प्रामाणिक बनाती है।