Mahendragarh News: 11 केवी लाइनों को होगी आबादी से हटाया जाएगा, 2026 तक पूरा काम
महेंद्रगढ़ में 11 केवी तारों को रिहायशी क्षेत्रों से हटाया जा रहा है। 504 स्थान चिन्हित, 55 पर काम पूरा, बाकी 2026 तक खत्म होगा। 7 नए सबस्टेशन शुरू, 958 सोलर कनेक्शन और ग्रामीण क्षेत्रों में नए केबल बिछाने का काम अंतिम चरण में।
- महेंद्रगढ़ में बिजली व्यवस्था का बड़ा बदलाव
- रिहायशी इलाकों से हटेंगी 11 केवी लाइनें
- 2026 तक 449 खतरनाक तार हटाने का लक्ष्य
- 370 गांवों में 24 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित
महेंद्रगढ़, 28 दिसम्बर (NFLSpice News): आने वाले वर्ष में जिले की बिजली व्यवस्था पूरी तरह बदलने वाली है। डिप्टी कमिश्नर कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 11 केवी बिजली की तारों को रिहायशी इलाकों के ऊपर से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह कदम सिर्फ सुधार नहीं बल्कि एक ऊर्जा-क्रांति की शुरुआत माना जा रहा है।
डीसी ने बताया कि जिले में ऐसे 504 स्थान चिह्नित किए गए हैं जहां 11 केवी की लाइनें घरों के ऊपर से गुजर रही हैं। इनमें से 55 जगहों पर तार हटाए जा चुके हैं और बाकी 449 स्थानों पर यह काम 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे लोगों की सुरक्षा से जुड़े खतरे कम होंगे और बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
ग्रामीण इलाकों में केबल बदले जाने का अंतिम चरण
ग्रामीण क्षेत्रों में पुराने बिजली के तार बदलकर नए केबल बिछाए जा रहे हैं। लगभग ₹74.58 करोड़ की लागत से चल रहा यह काम अंतिम चरण में है। प्रशासन का दावा है कि इससे लाइन लॉस और वोल्टेज की समस्या में बड़ा सुधार होगा।
मेडिकल कॉलेज के लिए अलग से लाइन
कोरियावास मेडिकल कॉलेज के लिए 33 केवी की विशेष लाइन तैयार की जा रही है जिससे अस्पताल को लगातार निर्बाध बिजली उपलब्ध होगी। अधिकारी मानते हैं कि इसके बाद इलाज में रुकावट की स्थिति लगभग खत्म हो जाएगी।
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डीसी ने कहा कि 2025 महेंद्रगढ़ के लिए ऊर्जा परिवर्तन का ऐतिहासिक वर्ष रहा है। पीएम सूर्य घर-मुफ्त बिजली योजना के तहत जिले में 958 नए सोलर कनेक्शन लगाए गए हैं जबकि 901 उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ मिला है। इससे आम और मध्यम वर्गीय परिवारों की जेब में राहत आई है।
उन्होंने बताया कि म्हारा गांव-जगमग गांव योजना के तहत 370 गांवों में 24 घंटे निर्बाध बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जा चुकी है। वहीं किसानों के लिए 1,912 ट्यूबवेल कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं।
सात नए सबस्टेशन शुरू, वोल्टेज की समस्या खत्म होगी
डीएचबीवीएन के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (ऑपरेशन) जोगिंदर हुड्डा ने बताया कि इस साल जिले में तकनीकी ढांचे को अत्याधुनिक बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। नांगल सर्कल में सात नए 33 केवी सबस्टेशन कोथल खुर्द, निम्बी छाजियावास, बालाना, देवास, कटकै, महारामपुर और छिन्दालिया गांवों में शुरू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि इन स्टेशनों से लो वोल्टेज और तकनीकी खराबी से होने वाली कटौतियों में भारी कमी आई है। लाइन लॉस कम होने से उपभोक्ताओं को पहले से बेहतर गुणवत्ता की बिजली मिल रही है।
प्रशासन का मानना है कि यह बदलाव सिर्फ मौजूदा जरूरतों के लिए नहीं बल्कि भविष्य की मांग को देखते हुए किए जा रहे हैं। नई संरचना जिले को ऊर्जा के लिहाज से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
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