चंडीगढ़। हरियाणा में सहकारी चीनी मिलें अब नए रंग में नजर आएंगी। सरकार ने इन मिलों को आधुनिक और पर्यावरण के लिए अनुकूल बनाने का बड़ा प्लान तैयार किया है। गुरुवार को बीजेपी के बयान के मुताबिक, गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और ऊर्जा क्षेत्र में योगदान देने के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं।
सात चीनी मिलों में PPP मोड पर प्लांट
राज्य की सात सहकारी चीनी मिलों – करनाल, गोहाना, सोनीपत, जींद, पलवल, मेघम और कैथल में PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर पेलेट प्लांट लगाए जाएंगे। इन प्लांट्स में गन्ने की खोई से पेलेट बनाए जाएंगे, जिन्हें थर्मल पावर प्लांट्स में ऊर्जा उत्पादन के लिए भेजा जाएगा। यह कदम न सिर्फ मिलों की आय बढ़ाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखेगा।
पानीपत में 150 करोड़ का एथनॉल प्लांट
पानीपत की चीनी मिल में 150 करोड़ रुपये की लागत से एक नया एथनॉल प्लांट बनेगा। यह प्लांट पेट्रोल में एथनॉल मिश्रण को बढ़ावा देगा और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
चीनी बैग्स पर ऑनलाइन मार्किंग
चीनी के बैग्स पर अब ऑनलाइन मार्किंग होगी। हर बैग पर यूनिक सीरियल नंबर, बैच नंबर और प्रोडक्शन डेट लिखी जाएगी। इससे बाजार में पारदर्शिता आएगी और नकली चीनी की बिक्री पर रोक लगेगी। यह कदम ग्राहकों का भरोसा बढ़ाने में कारगर होगा।
343 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य
सत्र 2025-26 के लिए हरियाणा ने 343 लाख क्विंटल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा है। इसके लिए किसानों को प्रोत्साहन और खेती को बढ़ावा देने की योजना है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने इसकी समीक्षा कर अधिकारियों को तेजी से काम करने को कहा।
यह योजना हरियाणा के गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के लिए नई संभावनाएं लेकर आई है। सरकार का यह प्रयास आर्थिक तरक्की और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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