Haryana News: गढ़ी सिसाना की रहने वाली मूर्ति देवी कई महीने से अपनी जमीन का म्यूटेशन करवाने के लिए तहसील के चक्कर काटती रहीं। फाइल कभी पटवारी के पास अटकी, कभी किसी हस्ताक्षर की कमी बता दी गई। कई बार आवेदन देने और अधिकारियों से मिलकर स्थिति समझाने के बावजूद म्यूटेशन आगे नहीं बढ़ा। आखिरकार मजबूर होकर उन्होंने अदालत में गुहार लगाई।
आपको बता दें कि 11 सितंबर को एसडीजेएम विक्रांत की कोर्ट ने साफ निर्देश दिए थे—म्यूटेशन तुरंत किया जाए। आदेश बिलकुल स्पष्ट था, फिर भी तहसील में फाइल जस की तस पड़ी रही। हफ्तों बीत गए, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। मूर्ति देवी दोबारा कोर्ट पहुंचीं और यहीं से कहानी पलट गई। शुक्रवार की सुनवाई में अदालत ने तीखा रुख अपनाया और देर-सबेर की इन सरकारी आदतों पर सीधी चोट कर दी।
तहसीलदार-नायब तहसीलदार की गाड़ी जब्त
कोर्ट ने न सिर्फ तत्काल म्यूटेशन करने के आदेश दोहराए बल्कि सीधे तहसीलदार और नायब तहसीलदार की सरकारी गाड़ियां जब्त करने का आदेश भी जारी कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गाड़ियां थाने में खड़ी कर दीं। तहसील दफ्तर में इस फैसले को लेकर दिनभर चर्चा चलती रही—क्योंकि ऐसा फैसला आम तौर पर कम ही देखने को मिलता है।
पोस्टिंग नई है, मामला पता नहीं था
नायब तहसीलदार अचिन ने कहा कि उनकी हाल ही में पोस्टिंग हुई है और इस मामले की जानकारी उन्हें पहले नहीं थी। उन्होंने संबंधित पटवारी को पूरी फाइल तुरंत प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अदालत ने साफ कर दिया कि अब किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं होगी।
लंबी खींचतान झेल चुकी मूर्ति देवी ने कोर्ट के हस्तक्षेप को राहत की उम्मीद बताया। उनका कहना है कि अब शायद महीनों पुरानी समस्या आखिरकार खत्म हो जाए।

