रेवाड़ी में रिश्वतकांड का पर्दाफाश: बीडीपीओ सौरव उपाध्याय 35 हजार की घूस लेते रंगे हाथ पकड़े, प्रशासन में हड़कंप

रेवाड़ी में मेवात एंटी करप्शन ब्यूरो ने बीडीपीओ सौरव उपाध्याय को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। 50 लाख के विकास कार्यों के बिल पास कराने के बदले कथित 10% कमीशन की मांग का आरोप। केस दर्ज, जांच जारी।

  • रेवाड़ी में 35 हजार की रिश्वत लेते बीडीपीओ गुल सौरव उपाध्याय गिरफ्तार
  • 50 लाख के विकास कार्यों के बिल पास कराने के बदले 10% कमीशन की मांग का आरोप
  • एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाकिर हुसैन के नेतृत्व में विशेष ऑपरेशन चलाया
  • गिरफ्तारी के बाद सरकारी तंत्र में हड़कंप, भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा संदेश

रेवाड़ी (एनएफएल स्पाइस न्यूज)। हरियाणा के रेवाड़ी जिले में मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई सामने आई, जिसने जिला प्रशासन के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। मेवात एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने रेवाड़ी के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (बीडीपीओ) सौरव उपाध्याय को उनके ही दफ़्तर से रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी 35 हजार रुपये की कथित घूस की रकम के साथ हुई जिसे टीम ने मौके से बरामद भी किया है।

शिकायत से गिरफ़्तारी तक पूरे ऑपरेशन की अंदरूनी कहानी

शिकायत रेवाड़ी ब्लॉक समिति की अध्यक्ष के पति रविंद्र खोला ने की थी। उन्होंने दावा किया कि रेवाड़ी ब्लॉक में चल रहे लगभग 50 लाख रुपये के विकास कार्यों के बिल पास कराने के बदले बीडीपीओ द्वारा 10 प्रतिशत कमीशन की मांग की गई।

खोला बताते हैं कि जब दबाव बढ़ा तो सौदे के तहत 35 हजार रुपये की रकम पर बात तय हुई। इसके बाद मेवात एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाकिर हुसैन के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई और योजना के मुताबिक जाल बिछाया।

कुछ ही मिनटों में दफ़्तर का माहौल बदल गया। जैसे ही कथित रिश्वत की रकम आरोपी अधिकारी के हाथ में गई, टीम ने अंदर घुसकर उन्हें धर दबोचा। गिरफ्तारी के साथ रकम बरामद की गई और मौके पर ही कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई।

कार्रवाई के बाद सरकारी दफ़्तरों में खलबली

इस कार्रवाई के बाद सरकारी कर्मचारियों और प्रशासनिक महकमे में हलचल तेज़ है। एक तरफ जहां अधिकारी इसे ‘सिस्टम सुधार’ की बड़ी शुरुआत बता रहे हैं वहीं आम लोग इसे राहत और उम्मीद की नज़र से देख रहे हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर लंबे समय से शिकायतें थीं लेकिन पहली बार किसी बड़े अधिकारी पर इस तरह की सीधी कार्रवाई हुई है।

कानूनी प्रावधान और आगे की राह

बीडीपीओ सौरव उपाध्याय के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

एंटी करप्शन ब्यूरो का कहना है कि आने वाले दिनों में इस पूरे नेटवर्क और पैटर्न की जांच भी की जा सकती है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या यह कोई व्यवस्थित वसूली का हिस्सा था या व्यक्तिगत स्तर पर भ्रष्टाचार किया जा रहा था।

स्थानीय स्तर पर बदलती मानसिकता का संकेत

इस मामले को विशेषज्ञ स्थानीय शासन व्यवस्था में एक बड़े बदलाव की शुरुआत मान रहे हैं। लगातार होने वाले विकास कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग अब आम जनता की आवाज़ बन चुकी है।

ब्यूरो की यह कार्रवाई सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि एक संकेत है कि शिकायतें अब दबाई नहीं जाएंगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई अब कागज़ों में नहीं मैदान में दिखाई देगा।

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