रेवाड़ी में घने कोहरे की मार: 10 मीटर तक घटा विजिबिलिटी, हादसे का खतरा बढ़ा; NCR में सर्दी चरम पर
रेवाड़ी में सोमवार तड़के से घना कोहरा छाया रहा, दृश्यता 10 से 15 मीटर तक सिमट गई। सड़कों पर रफ्तार थमी और ट्रेनों की चाल भी प्रभावित हुई। सर्दी और बढ़ने की आशंका, NCR में ठंड चरम पर। लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।
- रेवाड़ी में घना कोहरा, 10 मीटर से आगे कुछ नहीं दिखा
- सड़कों पर हल्के हादसे, ट्रेनों की रफ्तार भी थमी
- NCR में सर्दी के तेवर तेज, अगले 48 घंटे राहत के आसार नहीं
- अलाव का सहारा, खेतों के लिए मौसम फिलहाल अनुकूल
रेवाड़ी। हरियाणा में सोमवार की भोर एक बार फिर घने कोहरे की चादर में लिपटी मिली। सुबह करीब तीन बजे से छाए कोहरे ने हालात ऐसे बना दिए कि कई रास्तों पर 10 से 15 मीटर से आगे की तस्वीर गायब हो गई। दृश्यता इतनी कम रही कि वाहन चालकों को सिर्फ हेडलाइट और फॉग लैंप का भरोसा लेकर मुश्किल सफर तय करना पड़ा।
सुबह के वक्त शहर से गांवों की ओर बढ़ते रास्तों पर कोहरे की मोटी परत कुछ ऐसे तैरती दिखी मानो पूरा इलाका सफेद धुंध से ढक गया हो। लोग बताते हैं कि दो दिन पहले कोहरे से मिली राहत अचानक खत्म हो गई और सोमवार का सूरज कोहरे की जेल में ही कैद दिखाई दिया।
हादसों का खतरा बढ़ा, सड़कें बनीं रिस्क ज़ोन
सुबह की रफ्तार भी ठहरी रही। कई जगहों पर हल्के हादसों की खबरें सामने आई हैं, हालांकि बड़े हादसों की पुष्टि फिलहाल नहीं हुई है। हाइवे से लेकर कस्बाई सड़कों तक हर दिशा में वाहनों की कतारें रेंगती रहीं। जहां कुछ मोटरसाइकिल सवार पीछे हटते दिखे वहीं चारपहिया वाहन बेहद धीमी चाल में सफर करते रहे।
रेलगाड़ियों की रफ्तार पर भी असर पड़ा। रेवाड़ी जंक्शन से गुजरने वाली कुछ ट्रेनें निर्धारित समय से देरी से रवाना हुईं। कई यात्री निराशा जताते दिखे, लेकिन मौसम को दोष देते हुए स्थिति को स्वीकारते रहे।
NCR में सर्दी का दूसरा दौर, फरवरी जैसी गलन दिसंबर में ही
दिसंबर के आखिरी हफ्ते में कोहरे और सर्दी का तेवर बढ़ना मौसम विभाग के मुताबिक सामान्य नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि उत्तर-पश्चिमी हवा के तेज़ होकर लौटने और नमी से भरे वातावरण ने कोहरे को बनाए रखा। आने वाले 48 घंटे तक राहत मिलने की संभावना कम है।
NCR और हरियाणा में तापमान और गिर सकता है जिससे रात के समय पारा और नीचे आ सकता है।
गांवों में अलाव का सहारा, खेतों के लिए मौसम अनुकूल
गांवों में सुबह-सुबह अलाव का नज़ारा आम रहा। बुजुर्ग गुनगुनी गर्मी की तलाश में चौपालों पर नजर आए। खेतों में धुंध की सफेदी फैली रही, लेकिन किसानों के चेहरों पर चिंता कम दिखी। उनका कहना है कि यह मौसम राई, गेहूं और सरसों जैसी फसलों के लिए बढ़िया साबित हो सकता है, बशर्ते पाला न पड़े।
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