रोहित धनखड़ मर्डर केस में भड़का गुस्सा: दो गांवों में कैंडल मार्च, पंचायत ने पुलिस को अल्टीमेटम दिया
हरियाणा के भिवानी में अंतरराष्ट्रीय बॉडी बिल्डर रोहित धनखड़ की हत्या को लेकर गांवों में उबाल ठंडा पड़ने का नाम नहीं ले रहा। रविवार शाम हुमायूंपुर और बखेता गांव की गलियां उस समय भावनाओं से भर उठीं, जब ग्रामीणों ने हाथों में मोमबत्तियाँ थामकर न्याय के लिए कैंडल मार्च निकाला।
मार्च रोहित के घर से शुरू हुआ और पूरे गांव में घूमता हुआ फिर उसी जगह आकर थम गया—जहां परिजन टूटे हुए मन से सिर्फ एक ही मांग दोहरा रहे थे: “सभी आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी और फांसी।”
गांव में माहौल बेहद भावुक था। कई युवा रोहित की उपलब्धियों को याद करते दिखे—कैसे वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन कर रहे थे। लेकिन अब उसकी तस्वीरें न्याय की गुहार के साथ हाथों में थीं, और लोग कह रहे थे कि “जिस बेटे ने मेडल दिए, उसके लिए हम न्याय लेकर रहेंगे।”
कैंडल मार्च में पंचायत, खाप और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की बड़ी संख्या मौजूद रही। मंच से बार-बार एक बात दोहराई गई—न्याय के लिए संघर्ष नहीं, लेकिन चुप्पी भी अब स्वीकार नहीं।
पंचायत प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि पुलिस कार्रवाई बेहद धीमी है और यह देरी अब ग्रामीणों के धैर्य को खत्म कर रही है।
मार्च के दौरान यह भी घोषणा की गई कि
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सोमवार को पंचायत और खाप प्रतिनिधिमंडल भिवानी के एसपी से मुलाकात करेगा,
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और उसके बाद पंचकूला में डीजीपी ओपी सिंह से सीधी बातचीत की जाएगी।
गांव के लोगों का कहना है कि वे सिस्टम से टकराव नहीं चाहते, लेकिन न्याय के बिना पीछे भी नहीं हटेंगे। रोहित की हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला दिया है, और अब यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि समूचे समुदाय के सम्मान का सवाल बन चुका है।
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