Haryana News: गांवों की जीवनरेखा (Lifeline Road) हरियाणा का पलवल-नूंह मार्ग (Palwal-Nuh Road) करीब 30 किलोमीटर लंबा है और 50 गांवों को एक-दूसरे से जोड़ता है। किसानों से लेकर छात्रों तक सभी के लिए यह रास्ता बेहद महत्वपूर्ण है। लोग अब सरकार से इस सड़क को चार लेन (Four-lane road) में बदलने की मांग कर रहे हैं ताकि बढ़ती आबादी और ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके।
एंबुलेंस और मरीजों के लिए बने सेफ ज़ोन
ग्रामीणों और किसान नेताओं का कहना है कि यह सड़क पलवल व नूंह जिलों के मरीजों के लिए ‘सेफ रूट’ (Safe Route) की तरह है। पलवल से कई गंभीर मरीजों को नूंह स्थित शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज (Shaheed Hasan Khan Mewati Medical College) रेफर किया जाता है। मगर सड़क की संकरी हालत और ट्रैफिक जाम अक्सर एंबुलेंस (Ambulance) को देर कर देते हैं जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ जाती है।
आर्थिक और सामाजिक विकास की रफ्तार
आपको बताते चलें कि अगर यह मार्ग चौड़ा हो जाता है तो ग्रामीण इलाकों के आर्थिक विकास (Economic Development) को भी नई दिशा मिलेगी। किसान अपनी फसलें मंडियों तक तेजी से पहुंचा सकेंगे और छात्र स्कूल-कॉलेज आने-जाने में आसानी महसूस करेंगे।
हाईवे कनेक्शन से बढ़ रहा दबाव
पलवल-नूंह इलाका कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ा होने के कारण भारी वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। सड़क की वर्तमान चौड़ाई केवल सात मीटर है जिससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं (Accidents) की घटनाएं बढ़ रही हैं। चार लेन बनने से यात्रियों को राहत और सुरक्षा दोनों मिलेंगी।

