हरियाणा में विश्वकर्मा जयंती पर कारीगरों को बड़ी सौगात, शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना’

Priyanshi Rao
Vishwakarma Samman Yojana launched

चंडीगढ़: विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री ने राज्य के कारीगरों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की है। बुधवार को ‘मुख्यमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना’ की घोषणा करते हुए कारीगरों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने का वादा किया गया। इस योजना के तहत प्रशिक्षित कारीगरों को ₹5,000 का टॉप-अप प्रोत्साहन दिया जाएगा जो उनकी आजीविका को मजबूत करने में मददगार साबित होगा।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि योजना के तहत हरियाणा के उन कारीगरों को लाभ मिलेगा जो केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ते हुए उनके हुनर को बढ़ावा देना है। योजना की शुरुआत के दौरान आयोजित समारोह में सैकड़ों कारीगरों ने उत्साह के साथ भाग लिया और इस कदम का स्वागत किया।

कारीगरों के लिए नई उम्मीद

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना राज्य के कारीगर समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। प्रशिक्षण के साथ-साथ दी जाने वाली वित्तीय सहायता से कारीगर अपने व्यवसाय को और मजबूत कर सकेंगे। इस अवसर पर उन्होंने कारीगरों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाकर अपने कौशल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं।

आगे की राह क्या होगी?

हालांकि इस योजना की सफलता राज्य सरकार की ओर से इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर निर्भर करेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस योजना को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाया गया और कारीगरों को नियमित प्रशिक्षण दिया गया तो यह हरियाणा के हस्तशिल्प उद्योग को नई पहचान दिला सकती है। अधिक जानकारी के लिए हरियाणा सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.haryanacmoffice.gov.in पर जाकर संपर्क किया जा सकता है।

(रिपोर्ट: एनएफएल स्पाइस डेस्क, 18 सितंबर 2025)

Share This Article
Follow:
प्रियांशी राव एक समर्पित पत्रकार हैं जो हरियाणा राज्य से जुड़ी खबरों को कवर करती हैं। उन्होंने पत्रकारिता में स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। वर्तमान में एनएफएलस्पाइस न्यूज़ के लिए काम करती हैं। एनएफएलस्पाइस न्यूज़ से जुड़े होने के अलावा, उन्हें प्रमुख मीडिया समूहों के साथ काम करने का अनुभव भी है। कृषि क्षेत्र में उनकी पृष्ठभूमि किसानों से संबंधित उनके लेखों को काफी प्रामाणिक बनाती है।