Sharif Osman Hadi Death: बांग्लादेश में उबाल, भारत विरोधी नारे, मीडिया दफ्तरों पर हमले से हालात बेकाबू

Sharif Osman Hadi की मौत के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन हुए। ढाका से राजशाही तक आगजनी, मीडिया दफ्तरों पर हमले और भारतीय राजनयिक परिसरों की ओर मार्च से राजनीतिक संकट और गहरा गया।

Sharif Osman Hadi Death: बांग्लादेश एक बार फिर सड़कों पर उतर आए जनाक्रोश के बीच घिरता नजर आ रहा है। 2024 के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन के प्रमुख युवा चेहरे शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद राजधानी ढाका से लेकर देश के कई हिस्सों में हालात अचानक बेकाबू हो गए। हादी की मौत केवल एक नेता के जाने की खबर नहीं रही बल्कि उसने उस अस्थिर राजनीतिक जमीन को फिर से हिला दिया, जिस पर बांग्लादेश पिछले एक साल से खड़ा है।

गुरुवार रात और शुक्रवार तड़के हजारों लोग ढाका की सड़कों पर उतर आए। हाथों में पोस्टर, नारों में गुस्सा और मांग एक ही—हादी के हत्यारों को सज़ा। प्रदर्शनकारियों की भीड़ देर रात भारतीय राजनयिक परिसरों की ओर बढ़ने लगी जिसके बाद पुलिस को कई इलाकों में आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में राजशाही में भारतीय सहायक उच्चायोग के पास पथराव के दृश्य भी दिखे। Sharif Osman Hadi Death

हालात तब और तनावपूर्ण हो गए जब छात्र आंदोलन से निकली नेशनल सिटिजन पार्टी के नेता भी खुलकर सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हादी पर हमला करने वाले शूटर भारत भाग गए हैं।

इसी आरोप के साथ भारत विरोधी नारे तेज हो गए और अंतरिम सरकार पर दबाव बढ़ता चला गया। एनसीपी के एक प्रमुख नेता सरजिस आलम ने यहां तक कह दिया कि जब तक आरोपियों को वापस नहीं लाया जाता, तब तक बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग को बंद रखा जाना चाहिए।

राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आग और हिंसा ने मीडिया संस्थानों को भी अपनी चपेट में ले लिया। राजधानी ढाका में देश के दो सबसे बड़े अखबारों—प्रथम आलो और द डेली स्टार—के दफ्तरों में आगजनी की घटनाएं हुईं। Sharif Osman Hadi Death

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सैकड़ों प्रदर्शनकारी देर रात पहले प्रथम आलो के दफ्तर के बाहर जुटे और उसके बाद डेली स्टार की इमारत को निशाना बनाया गया। दमकल कर्मियों ने कई पत्रकारों और कर्मचारियों को भीतर से सुरक्षित बाहर निकाला।

हिंसा सिर्फ ढाका तक सीमित नहीं रही। राजशाही में अवामी लीग के एक कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया जबकि चटगांव में एक पूर्व मंत्री के आवास पर तोड़फोड़ की गई। ढाका-मयमनसिंह को जोड़ने वाला अहम हाईवे भी कुछ समय के लिए जाम कर दिया गया, जिससे आम लोगों की आवाजाही ठप हो गई। Sharif Osman Hadi Death

इस पूरे उबाल की जड़ में शरीफ उस्मान हादी की मौत है। 32 वर्षीय हादी, छात्र मंच ‘इंक़िलाब मंच’ के वरिष्ठ नेता थे और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुखर आलोचक माने जाते थे।

12 दिसंबर को ढाका के मध्य इलाके में मस्जिद से निकलते वक्त नकाबपोश हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी थी। हालत गंभीर होने पर उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां गुरुवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। Sharif Osman Hadi Death

अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हादी की मौत को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया, एक दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया और पूरे देश में विशेष प्रार्थनाओं के निर्देश दिए।

वहीं पुलिस ने हमलावरों की तलाश में देशव्यापी अभियान शुरू कर दिया है। दो संदिग्धों की तस्वीरें जारी की गई हैं और उनकी गिरफ्तारी की जानकारी देने पर 50 लाख टका के इनाम की घोषणा की गई है। Sharif Osman Hadi Death

इधर भारत में संसदीय विदेश मामलों की समिति ने बांग्लादेश की स्थिति को जटिल और तेजी से बदलती बताया है। समिति का कहना है कि अगस्त 2024 की राजनीतिक घटनाओं के बाद से वहां हिंसा, अल्पसंख्यकों और मीडिया पर हमलों का सिलसिला बढ़ा है और लोकतांत्रिक चुनावों को लेकर भी अनिश्चितता बनी हुई है। बांग्लादेश की नाजुक राजनीतिक संक्रमण प्रक्रिया के बीच यह ताजा विस्फोट पूरे क्षेत्र के लिए नई चिंता बनकर उभरा है। Sharif Osman Hadi Death

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