Truck Driver का बेटा बना Indian Army Lieutenant, बिलासपुर के आदित्य शर्मा ने रचा इतिहास

बिलासपुर (एमपी) एनएफएल स्पाइस: बिलासपुर जिले के एक छोटे से गांव से निकलकर भारतीय सेना की वर्दी पहनना आसान सफर नहीं होता, लेकिन 22 वर्षीय आदित्य शर्मा ने यह कर दिखाया। कंदरौर पुल से सटे ग्राम पंचायत अवारी खलीन के गांव घुमाणी के रहने वाले आदित्य अब भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन चुके हैं। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड में जब आदित्य ने देश सेवा की शपथ ली तो उस पल का गर्व सिर्फ उनके परिवार तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे इलाके ने इसे अपनी उपलब्धि माना।

आदित्य की कहानी किसी बड़े शहर या संसाधनों से शुरू नहीं होती। उनका बचपन उसी गांव की गलियों में बीता जहां सपने बड़े होते हैं लेकिन रास्ते कठिन होते हैं। शुरुआती पढ़ाई उन्होंने स्वामी विवेकानंद पाठशाला, कंदरौर से पूरी की और मैट्रिक पास किया। इसके बाद उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, घुमारवीं से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। पढ़ाई के साथ-साथ एक सपना लगातार उनके साथ चलता रहा—सेना की वर्दी पहनने का।

इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए आदित्य ने एनडीए की कठिन प्रवेश परीक्षा दी और सफलता हासिल की। चयन के बाद उन्होंने तीन साल तक पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण लिया, जहां अनुशासन, शारीरिक क्षमता और मानसिक मजबूती की असली परीक्षा होती है। इसके बाद देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी में एक साल का कठोर प्रशिक्षण पूरा कर उन्होंने अफसर बनने की अंतिम सीढ़ी पार की।

आदित्य की यह सफलता इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि उनका परिवार किसी विशेष सुविधा या प्रभावशाली पृष्ठभूमि से नहीं जुड़ा है। उनके पिता रवि दत्त ट्रक चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं, जबकि उनकी माता कौरां शर्मा गृहिणी हैं। सीमित साधनों के बावजूद परिवार ने बेटे के सपनों पर भरोसा रखा और हर मोड़ पर उसका हौसला बढ़ाया।

लेफ्टिनेंट बनने की खबर जैसे ही गांव पहुंची घुमाणी और आसपास के इलाकों में खुशी का माहौल बन गया। लोग इसे आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा के रूप में देख रहे हैं। आदित्य की सफलता ने यह संदेश दिया है कि अगर इरादा मजबूत हो और मेहनत लगातार हो, तो गांव से निकलकर भी देश की सबसे प्रतिष्ठित वर्दी हासिल की जा सकती है।

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