राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति का पद हासिल कर लिया है. उन्होंने विपक्षी INDIA गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 452 वोटों के साथ हराया. रेड्डी को 300 वोट मिले. वोटिंग के बाद रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोडी ने राधाकृष्णन को विजेता घोषित किया. इस जीत ने NDA की ताकत को एक बार फिर साबित कर दिया है.
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
तमिलनाडु के गौंडर-कोंगु वेल्लाला समुदाय से आने वाले सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर दशकों पुराना है. 17 साल की उम्र में 1974 में वे जनसंघ में शामिल हुए थे. RSS के साथ भी उनकी गहरी सक्रियता रही है जहां उन्होंने तिरुपुर नगर संघ प्रमुख से लेकर जिला संघ प्रमुख तक की भूमिका निभाई. 2004 से 2007 तक वे तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे. 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए राधाकृष्णन को स्थानीय लोग “कोयंबटूर का वाजपेयी” कहते हैं.
2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल बनाया गया और जुलाई 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी मिली. इसके अलावा वे कॉलेज के दिनों में टेबल टेनिस चैंपियन और लंबी दूरी के धावक भी रह चुके हैं.
कैसे हुआ चुनाव?
उपराष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग सुबह 10 बजे शुरू होकर शाम 5 बजे तक चली. इसमें लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसदों ने हिस्सा लिया. कांग्रेस के मुताबिक विपक्षी गठबंधन के 315 सांसदों ने वोट डाला. राधाकृष्णन की जीत ने NDA की एकजुटता और रणनीति को रेखांकित किया है.
राधाकृष्णन की जीत के बाद अब सभी की नजर उनके कार्यकाल पर है. उनकी अनुभवी राजनीतिक पृष्ठभूमि और सामाजिक जुड़ाव से उम्मीद की जा रही है कि वे इस पद पर महत्वपूर्ण योगदान देंगे.

