PAN Aadhaar Linking Deadline: 31 दिसंबर के बाद इनएक्टिव हो सकता है इन लोगों का PAN, बैंकिंग और टैक्स पर पड़ेगा सीधा असर

PAN को आधार से लिंक नहीं करने पर 31 दिसंबर के बाद PAN इनएक्टिव हो सकता है। इससे ITR, रिफंड, बैंकिंग, निवेश और KYC सेवाएं प्रभावित होंगी। समय रहते लिंकिंग न करने पर जुर्माना और परेशानी तय है। जानिए इसको लेकर कौन सा नया अपडेट आया है सामने -

  • PAN–Aadhaar लिंकिंग पर बड़ा अलर्ट | 31 दिसंबर के बाद क्या होगा इनएक्टिव PAN का? | रिफंड, बैंकिंग और निवेश पर क्या होगा असर? | किसे 2025 तक मिला है समय?

PAN Aadhaar Update: अगर आपने अभी तक अपना PAN आधार से लिंक नहीं किया है तो यह खबर आपको सीधे प्रभावित कर सकती है। आयकर विभाग की समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है और 31 दिसंबर के बाद आपकी ये लापरवाही आप पर भारी पड़ सकती है।

जानकारी के अनुसार आयकर विभाग की ओर से पहले ही साफ कर दिया गया है कि तय तारीख तक PAN–Aadhaar लिंक नहीं होने की स्थिति में PAN निष्क्रिय किया जा सकता है। एक बार PAN इनएक्टिव हुआ तो इसका असर सिर्फ टैक्स फाइलिंग तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि रोजमर्रा की बैंकिंग और निवेश गतिविधियां भी अटक सकती हैं।

अप्रैल 2025 में जारी अधिसूचना के मुताबिक जिन लोगों को 1 अक्टूबर 2024 या उसके बाद PAN जारी हुआ है उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक आधार से लिंक करने की छूट दी गई है। लेकिन इससे पहले PAN धारकों के लिए यह राहत नहीं है। उनके लिए अंतिम मौका 31 दिसंबर 2025 नहीं बल्कि इसी साल का आखिरी दिन है।

दरअसल PAN–Aadhaar लिंकिंग की मूल डेडलाइन मई 2024 में ही खत्म हो चुकी थी। अब जो भी लिंकिंग की जाएगी उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना देना अनिवार्य होगा। इसके बावजूद अगर कोई तय तारीख के बाद भी लिंक नहीं करता है तो PAN डीएक्टिव होने का खतरा बना रहेगा।

इनएक्टिव PAN का मतलब सिर्फ एक नंबर का बंद हो जाना नहीं है। ऐसे मामलों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना मुश्किल हो सकता है। जिन टैक्सपेयर्स का रिफंड अटका हुआ है, उनका पैसा भी फंस सकता है और समाधान के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।

इसके अलावा, TDS और TCS ज्यादा दरों पर कट सकता है। फॉर्म 26AS तक पहुंच बाधित हो सकती है और TDS/TCS सर्टिफिकेट मिलने में भी दिक्कत आ सकती है।

बैंकिंग स्तर पर असर और भी ज्यादा गंभीर हो सकता है। इनएक्टिव PAN होने पर नया बैंक खाता खोलना, क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेना, 50 हजार रुपये से ज्यादा नकद जमा करना या 10 हजार रुपये से ऊपर का ट्रांजैक्शन करना संभव नहीं रह सकता।

KYC अधूरी रहने की वजह से कई सरकारी सेवाएं भी रुक सकती हैं। वहीं म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए ट्रांजैक्शन ठप होने का खतरा भी बना रहता है।

यही वजह है कि टैक्स एक्सपर्ट्स लगातार सलाह दे रहे हैं कि आखिरी तारीख का इंतजार न करें। PAN को आधार से समय रहते लिंक कर लेना ही भविष्य की परेशानी से बचने का सबसे सुरक्षित रास्ता है।

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