मुंबई हमले पर PM मोदी का बड़ा बयान: कांग्रेस आ गई थी दवाब में, नहीं कर पाई थी कार्यवाही

Rajveer Singh
PM Modi Accuses Congress Foreign Pressure 26-11 Mumbai Attack

नवी मुंबई में नए एयरपोर्ट के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले को याद करते हुए कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। मोदी ने कहा कि उस वक्त कांग्रेस सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा कदम उठाने के बजाय विदेशी दबाव के कारण भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई रोक दी, जिससे देश को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

मुंबई आतंकी हमले पर मोदी की सख्त टिप्पणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने के नाते आतंकवादियों का प्रमुख निशाना था। 2008 में हुए इस हमले के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विदेशों के दबाव में आकर सेना को पाकिस्तान पर हमला करने से रोका। इसका खामियाजा देश को बार-बार भुगतना पड़ा और कांग्रेस की कमजोरी ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया।

कांग्रेस सरकार और विदेशी दबाव

पीएम मोदी ने हाल ही में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री के खुलासे का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय सेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार थी, लेकिन विदेशी दबाव के चलते इसे रोका गया। मोदी ने कांग्रेस से पूछा कि आखिर वह कौन सा देश था जिसने इस दबाव में सरकार को प्रभावित किया?

चिदंबरम का पॉडकास्ट विवाद

पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक पॉडकास्ट में बयान दिया था कि अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने भारत से सैन्य कार्रवाई न करने का अनुरोध किया था। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका ने भारत को सीधे ऐसा रोकने की कोई बात नहीं कही। यह बयान राजनीतिक बहस का विषय बना हुआ है।

आज का भारत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के लिए देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि आज का भारत आतंकवाद को घर में घुसकर करारा जवाब देता है। मोदी ने कहा कि अब भारत कमजोर नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति अपनाता है।

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राजवीर सिंह एक पेशेवर कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता का अनुभव है और स्थानीय, सामुदायिक और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की गहरी समझ रखते हैं। वे अपने ज्ञान का उपयोग न केवल अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि, बल्कि अपनी प्रत्यक्ष समझ के आधार पर जानकारीपूर्ण लेख लिखने में करते हैं। वे केवल सूचना देने के लिए नहीं, बल्कि आवाज़ उठाने के लिए भी लिखते हैं।