बांग्लादेश में फिर हिंदू की संदिग्ध मौत: गारमेंट फैक्ट्री में गोली लगी, साथी गिरफ्तार; सुरक्षा पर बड़े सवाल
बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले के भालुका में एक गारमेंट फैक्ट्री के अंदर हिंदू सुरक्षा गार्ड बजेंद्र बिस्वास की गोली लगने से मौत हो गई। साथी गार्ड गिरफ्तार। हाल के हमलों के बीच हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर सवाल और गहरे हो गए हैं।
- गारमेंट फैक्ट्री में सुरक्षा ड्यूटी के दौरान हिंदू गार्ड को गोली लगी, मौके पर मौत
- साथी नोमान मियां गिरफ्तार, ‘मज़ाक में गोली चली’ दावा; पुलिस जांच जारी
- 11 दिन पहले भी इसी इलाके में हिंदू युवक की दर्दनाक हत्या हुई थी
बांग्लादेश 30 दिसम्बर (NFLSpice News): बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की सुरक्षा पर मंडराते सवाल एक बार फिर गहराने लगे हैं। मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में सोमवार शाम सुल्ताना स्वेटर्स लिमिटेड (लाबीब ग्रुप) के भीतर एक हिंदू सुरक्षा गार्ड की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह घटना ऐसे दौर में हुई है, जब देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की बढ़ती घटनाओं को लेकर चिंता लगातार बढ़ रही है।
फैक्ट्री परिसर में बातचीत के दौरान चली गोली
घटना 29 दिसंबर की शाम लगभग 6:45 बजे मेहराबारी इलाके में स्थित गारमेंट फैक्ट्री के अंदर मौजूद अंसार बैरक में हुई। यहां सुरक्षा ड्यूटी संभाल रहे हिंदू समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बजेंद्र बिस्वास गोली लगने से ढेर हो गए। पुलिस ने मौके से ही उनके साथी गार्ड नोमान मियां को गिरफ्तार कर लिया। शुरुआती पूछताछ में नोमान ने दावा किया कि यह सब बातचीत के दौरान मज़ाक-मज़ाक में हुआ, लेकिन घटना के बाद उठ रहे सवाल उसकी कहानी पर संदेह खड़े कर रहे हैं।
अस्पताल पहुँचने से पहले दम तोड़ गए बजेंद्र
गोली बजेंद्र की बाईं जांघ में लगी। सहकर्मियों ने तुरंत उन्हें भालुका उपजिला स्वास्थ्य परिसर पहुँचाया, लेकिन अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि वास्तविक कारण की पुष्टि जांच के बाद ही होगी, हालांकि चश्मदीद बताते हैं कि दोनों अक्सर साथ ड्यूटी करते थे और फैक्ट्री के अंदर बने बैरक में ही रहते थे।
बढ़ते हमलों के बीच यह मौत चिंताजनक
इस वारदात ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर पुराने घाव फिर ताज़ा कर दिए हैं। चिंताएं इसलिए भी गहरी हैं क्योंकि यही इलाका 11 दिन पहले भी चर्चा में था। 18 दिसंबर को भालुका में ही हिंदू युवक दीपू चंद्र दास को कथित तौर पर पीट-पीटकर, निर्वस्त्र कर और जिंदा जलाकर मार डाल दिया गया था। दोनों घटनाएं मिलकर यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या बांग्लादेश के औद्योगिक और ग्रामीण इलाकों में हिंदू अब सुरक्षित हैं?
मानवाधिकार संगठनों की चिंता
मानवाधिकार समूहों का कहना है कि हाल के महीनों में हमलों और उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी आई है। इन संगठनों का मानना है कि कई मामलों में पुलिस की कार्रवाई देर से होती है, जिससे पीड़ित समुदाय में असुरक्षा की भावना और बढ़ जाती है।
फिलहाल पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और नोमान मियां से पूछताछ जारी है। लेकिन जिस सवाल ने सबसे अधिक डर पैदा किया है, वो यह कि ऐसे माहौल में कितने और बजेंद्र जैसे लोग खामोशियों में गुम हो जाएंगे।
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