बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की बर्बर हत्या: परिवार की चीख-पुकार से दहल उठा दिल, देखें वीडियो

दीपु चंद्र दास की मौत ने एक परिवार को पूरी तरह तोड़ दिया है। मां, भाई-बहन और अन्य परिजन सदमे में हैं और इंसाफ की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सवाल यही है कि क्या इस घटना के बाद जमीन पर ठोस कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी आंकड़ों में सिमटकर रह जाएगा।

नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2025: बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले से एक ऐसी खबर आई है जिसने न सिर्फ वहां के हिंदू समुदाय को बल्कि पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। 30 वर्षीय हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की भीड़ द्वारा की गई बर्बर हत्या ने एक बार फिर Minority समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने जहां एक परिवार की जिंदगी तहस-नहस कर दी वहीं पूरे देश में तनाव और हिंसा की आग को और भड़का दिया है।

परिवार की आंखों में छलके आंसू, दिल दहला देने वाली चीख-पुकार वीडियो फुटेज में दीपु चंद्र दास के परिवार की दर्दनाक स्थिति साफ तौर पर देखी जा सकती है। उनकी मां और अन्य परिजन मदद की गुहार लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं जबकि उनके चेहरे पर दुख और हताशा साफ झलक रही है। वीडियो में एक महिला जो संभवतः दीपु की मां हैं वो अपने बेटे की मौत पर रोते-चिल्लाते हुए नजर आ रही हैं। उनके शब्दों में इतना दर्द है कि सुनने वाले का दिल भी दहल उठता है।

https://twitter.com/i/status/2001952919982321706

भीड़ ने की बर्बरता – शरीर को पेड़ से लटकाकर जलाया

रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपु चंद्र दास पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया गया था जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद भीड़ ने उनके शव को एक पेड़ से बांधकर आग के हवाले कर दिया। यह दृश्य किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है। स्थानीय पुलिस ने बताया कि घटना के बाद वे मौके पर पहुंचे और स्थिति को काबू में किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

देशभर में फैली हिंसा की लहर यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश में भारत-विरोधी प्रदर्शनों और सांप्रदायिक तनाव के बीच हिंसा की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में हुई इस घटना ने Minority समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंताएं और बढ़ा दी हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के कई हिस्सों में temples, houses और shops को निशाना बनाया जा रहा है जिससे Minority समुदाय में डर का माहौल है।

सरकार की प्रतिक्रिया आई लेकिन क्या न्याय मिलेगा?

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि ऐसे कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। सरकार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है लेकिन Minority समुदाय के लोग अब भी डरे हुए हैं। उन्हें डर है कि क्या न्याय मिलेगा या यह सिर्फ एक बयान तक सीमित रहेगा?

इस घटना पर भारत में भी राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने गहरी चिंता जताई है। कई संगठनों ने बांग्लादेश में Minority समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न सिर्फ मानवाधिकारों का उल्लंघन हैं बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा पैदा करती हैं।

न्याय की गुहार लगाता परिवार

बांग्लादेश में हुई ये घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए त्रासदी है बल्कि यह Minority समुदाय की सुरक्षा और मानवाधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या बांग्लादेश में Minority समुदाय के लिए सुरक्षित माहौल बन पाएगा या यह सिलसिला जारी रहेगा? ये तो समय ही बताएगा।

दीपु चंद्र दास की मौत ने एक परिवार की जिंदगी को तहस-नहस कर दिया है। उनकी मां, भाई-बहन और अन्य परिजनों के लिए यह दुख का पहाड़ बन गया है। वे न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या उन्हें न्याय मिलेगा? क्या इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे?

इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: दुनिया

Related Stories