ढाका हत्याकांड में बड़ा खुलासा: दो मुख्य आरोपी भारत में छिपे? 218 करोड़ की चेक ने बढ़ाई साज़िश की गुत्थी
ढाका में इनक़िलाब मंचो नेता शरीफ़ उस्मान हादी की हत्या मामले में सनसनीखेज़ खुलासा। दो मुख्य आरोपी मेघालय के रास्ते भारत में घुसे होने की आशंका। 218 करोड़ की संदिग्ध चेक मिलने से फंडिंग कनेक्शन की जांच तेज़। दोनों देशों की एजेंसियां अलर्ट।
- ढाका चुनावों के दौरान गोलीबारी में घायल हुए हादी की मौत पर अब नया मोड़
- दो मुख्य आरोपी भारत भागे, मेघालय में मौजूद होने के कयास
- सीमापार नेटवर्क की मिलीभगत, नेपाल और पूर्वोत्तर कनेक्शन की भी जांच
- 218 करोड़ की चेक बरामद, मर्डर फंडिंग पर शक गहराया
ढाका में चुनावी मुहिम के दौरान गोली लगने से मौत के मामले ने रविवार को नया मोड़ ले लिया है। इनक़िलाब मंचो के 32 वर्षीय नेता शरीफ़ उस्मान हादी की हत्या में शामिल बताए जा रहे दो मुख्य संदिग्ध अब भारत में होने की संभावना जताई जा रही है।
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने दावा किया है कि फ़ैसल करीम मसूद और आलमगीर शेख नाम के दोनों मुख्य आरोपी बांग्लादेश से मेघालय सीमा पार कर भारत में घुस गए। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम एंड ऑपरेशंस) एस एन मोहम्मद नज़रुल इस्लाम के मुताबिक ये दोनों हलुआघाट बॉर्डर से भारत में दाख़िल हुए और स्थानीय नेटवर्क की मदद से तुरा तक पहुंचाए गए।
कौन थे शरीफ़ उस्मान हादी
हादी को पिछले साल जुलाई-अगस्त 2024 में हुए जनविरोधी प्रदर्शनों के दौरान बड़ी पहचान मिली थी जिनकी वजह से शेख हसीना सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी।
वीडियो फुटेज और मीटिंग्स में उनकी तेज़-तर्रार स्पीच ने युवाओं में उन्हें खासा लोकप्रिय बनाया।
फ़रवरी 12 के आने वाले संसदीय चुनाव में वे उम्मीदवार भी थे लेकिन 12 दिसंबर को प्रचार के दौरान उन्हें सिर में गोली मारी गई। बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया जहां 18 दिसंबर को उन्होंने दम तोड़ दिया।
“भारत से संपर्क में हैं” – ढाका पुलिस का दावा
ढाका पुलिस का कहना है कि वे भारतीय एजेंसियों से संपर्क में हैं ताकि दोनों संदिग्धों को कस्टडी में लिया जा सके और उन्हें वापस लाया जा सके।
हालांकि भारतीय अधिकारियों की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
सूत्रों की मानें तो जिन लोगों ने आरोपियों की मदद की, उनमें से दो को भारत में हिरासत में लिया गया है लेकिन इस जानकारी की स्वतंत्र पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।
मर्डर प्लान था या साजिश?
जांच टीम का कहना है कि हत्या पूरी तरह से सोची-समझी और योजनाबद्ध थी।
पुलिस ने अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है और छह आरोपी अदालत में बयान दर्ज करा चुके हैं।
कथित रूप से हत्या में इस्तेमाल हुई दो पिस्तौल बरामद की गई हैं और वैज्ञानिक जांच के लिए CID को सौंपी गई हैं। वहीं हत्या के दौरान प्रयोग हुई मोटरसाइकिल भी डिटेक्टिव ब्रांच के कब्ज़े में है।
पैसे की लेयरिंग और संदिग्ध फंडिंग
जांच के दौरान एक चेक बरामद किया गया है, जिस पर 218 करोड़ टका की राशि का उल्लेख है।
सूत्रों के मुताबिक इस रकम के धागे कई परतों में जुड़े हो सकते हैं और इसी वजह से केस अब हाई-प्रोफ़ाइल आर्थिक जांच में तब्दील होने लगा है।
भारत में मौजूदगी के संकेत पर बढ़ी हलचल
मेघालय के तुरा, शिलांग और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधि तेज़ होने की चर्चाएं हैं लेकिन इस पर भी आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई।
भारत की तरफ़ से मौन प्रतिक्रिया ने मामले को और पेचीदा बना दिया है क्योंकि दोनों देशों की राजनीति में यह मुद्दा गर्मा सकता है।
आगे क्या?
बांग्लादेश सरकार ने पुलिस, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश और रैपिड एक्शन बटालियन सहित कई एजेंसियों को मास्टरमाइंड तक पहुंचने की जिम्मेदारी दी है।
ढाका पुलिस का कहना है कि चार्जशीट दस दिनों के भीतर दाखिल हो सकती है।
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