ढाका यूनिवर्सिटी में बड़ा विवाद: शेख मुजीबुर रहमान हॉल का नाम बदला, म्यूरल भी मिटाया गया
ढाका विश्वविद्यालय के शेख मुजीबुर रहमान हॉल में नामपट्टिका हटाकर ‘उस्मान हादी हॉल’ लगाने और म्यूरल मिटाने से विवाद गहरा गया है। छात्र मांग का हवाला दे रहे हैं, जबकि अंतरिम सरकार और यूनुस के बयान पर सवाल उठने लगे हैं।
ढाका 21 दिसम्बर (NFLSpice News): बांग्लादेश में मुक्ति संग्राम की विरासत को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता नजर आ रहा है। राजधानी ढाका स्थित ढाका विश्वविद्यालय के शेख मुजीबुर रहमान हॉल में शनिवार रात जो हुआ, उसने राजनीति, इतिहास और विचारधाराओं के टकराव को खुलकर सामने ला दिया।
हॉल यूनियन ने शेख मुजीबुर रहमान हॉल की मूल नामपट्टिका हटाकर उसकी जगह ‘उस्मान हादी हॉल’ लिखी नई नेमप्लेट लगा दी। नया नाम कट्टरपंथी इस्लामी नेता शरीफ उस्मान हादी के नाम पर रखा गया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस फैसले को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल देखा गया।
देर रात बदला गया हॉल का नाम
ढाका विश्वविद्यालय केंद्रीय छात्र संघ (DUCSU) के सांस्कृतिक मामलों के सचिव मुसद्दिक इब्न अली मोहम्मद ने बताया कि शनिवार रात करीब साढ़े नौ बजे क्रेन की मदद से हॉल की नामपट्टिका हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई। मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, करीब 9:45 बजे पुराने नाम को मिटाने का काम शुरू हुआ।
कुछ घंटों बाद, रात करीब 11:15 बजे, हॉल की मुख्य इमारत पर बने शेख मुजीबुर रहमान के ग्रैफिटी म्यूरल को भी रंग से ढकने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। इस दौरान कई छात्र खुद दीवार पर पेंट करते नजर आए।
अनुमति पर उठे सवाल, जवाब में ‘छात्रों का फैसला’
जब मीडिया ने सवाल किया कि क्या हॉल परिषद ने नामपट्टिका हटाने और म्यूरल मिटाने के लिए किसी आधिकारिक अनुमति ली थी, तो हॉल काउंसिल के उपाध्यक्ष मुस्लिमुर रहमान ने सीधा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह फैसला छात्रों की मांग पर लिया गया है और उसी के आधार पर कार्रवाई की जा रही है।
इस बयान के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और अंतरिम सरकार की भूमिका को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
गोलीबारी में घायल हुआ था उस्मान हादी
जिस शरीफ उस्मान हादी के नाम पर हॉल का नाम बदला गया है, वह हाल ही में पल्टन इलाके में हुई गोलीबारी की घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था। यह हमला 12 दिसंबर को हुआ था। हादी आगामी आम चुनावों में ढाका-8 संसदीय सीट से उम्मीदवार था।
घटना के बाद से उसके समर्थकों और विरोधियों के बीच माहौल और ज्यादा ध्रुवीकरण का शिकार होता जा रहा है।
यूनुस के बयान ने बढ़ाया विवाद
इसी बीच, अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का एक बयान भी चर्चा में आ गया है। यूनुस ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वह उस्मान हादी की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे और उसके “सपने” को पूरा करेंगे।
द डेली स्टार के हवाले से यूनुस ने कहा कि हादी को मिटाया नहीं जा सकता, वह बांग्लादेशियों के दिलों में जिंदा रहेगा और आने वाली पीढ़ियों तक उसकी सोच को पहुंचाया जाएगा। उनके इस बयान के बाद आलोचकों ने सवाल उठाया है कि क्या अंतरिम सरकार इतिहास और राष्ट्रनिर्माण की मूल धारा से अलग दिशा में बढ़ रही है।
बांग्लादेश में शेख मुजीबुर रहमान की विरासत और मुक्ति संग्राम की स्मृतियों को लेकर यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है, जब देश पहले ही राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक तनाव से गुजर रहा है।
इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: दुनिया



