Home अंतर्राष्ट्रीयट्रंप की धमकी: भारत को माफी मांगनी पड़ेगी?

ट्रंप की धमकी: भारत को माफी मांगनी पड़ेगी?

लुटनिक ने कनाडा का हवाला देते हुए कहा कि उसने भी अमेरिका से टकराव की कोशिश की थी लेकिन आर्थिक नुकसान के बाद उसे समझौता करना पड़ा. कनाडा की जीडीपी में 1.6% की गिरावट आई और बेरोजगारी 8% तक पहुंच गई.

by Rajveer singh
ट्रंप की धमकी: भारत को माफी मांगनी पड़ेगी?

अमेरिका ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. इस बार अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने कड़े शब्दों में भारत को चेतावनी दी है. उनका कहना है कि भारत जल्द ही अमेरिका के साथ व्यापारिक बातचीत के लिए मजबूर होगा और शायद माफी भी मांगेगा. यह बयान भारत के रूस से बढ़ते तेल व्यापार और BRICS देशों के साथ गठजोड़ को लेकर आया है.

भारत पर क्यों भड़का अमेरिका?

लुटनिक ने ब्लूमबर्ग को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत पहले रूस से केवल 2% तेल खरीदता था लेकिन अब यह आंकड़ा 40% तक पहुंच गया है. उनका आरोप है कि भारत सस्ता रूसी तेल खरीदकर मुनाफा कमा रहा है जो अमेरिका को मंजूर नहीं. उन्होंने भारत को तीन शर्तें दीं:

  • अपना बाजार खोलें.

  • रूस से तेल खरीदना बंद करें.

  • BRICS से दूरी बनाएं.

अगर भारत ऐसा नहीं करता तो उसे अमेरिका के 50% टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है.

अमेरिका की आर्थिक ताकत का दावा

लुटनिक ने जोर देकर कहा कि अमेरिका की 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी खपत वाली अर्थव्यवस्था है. भारत और चीन जैसे देश आखिरकार अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं. उनके मुताबिक “ग्राहक हमेशा सही होता है,” और भारत को अमेरिकी हितों का समर्थन करना ही होगा.

कनाडा का उदाहरण

लुटनिक ने कनाडा का हवाला देते हुए कहा कि उसने भी अमेरिका से टकराव की कोशिश की थी लेकिन आर्थिक नुकसान के बाद उसे समझौता करना पड़ा. कनाडा की जीडीपी में 1.6% की गिरावट आई और बेरोजगारी 8% तक पहुंच गई. लुटनिक का मानना है कि भारत भी जल्द ही ऐसा ही करेगा और एक-दो महीने में बातचीत की मेज पर वापस आएगा.

भारत का रुख

भारत ने इन बयानों पर अभी तक सधा हुआ जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत अमेरिका के साथ व्यापारिक मुद्दों पर बातचीत में बना हुआ है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साफ किया कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए सबसे सस्ता और उपयुक्त स्रोत चुनेगा.

लुटनिक का दावा है कि भारत के कारोबारी नुकसान से बचने के लिए सरकार पर दबाव डालेंगे जिससे भारत को अमेरिका के साथ समझौता करना पड़ेगा. हालांकि यह फैसला अंततः राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में होगा. क्या भारत अपनी नीतियों पर अड़ा रहेगा या अमेरिका के दबाव में आएगा यह आने वाला समय बताएगा.

आपकी क्या राय है?

अपनी प्रतिक्रिया यहां साझा करें — हमें जानकर खुशी होगी कि आप इस खबर के बारे में कैसा महसूस कर रहे है!

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept