गुरुग्राम | ब्यूरो रिपोर्ट : ओल्ड गुड़गांव मेट्रो परियोजना की रफ्तार एक बार फिर दिल्ली–धारूहेड़ा तक प्रस्तावित नमो भारत ट्रेन के स्टेशन लोकेशन को लेकर धीमी पड़ गई है। गुरुवार को हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में स्टेशन के डिजाइन और लोकेशन पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक का केंद्रबिंदु रहा—साइबर सिटी के शंकर चौक पर नमो भारत स्टेशन का प्रस्ताव, जिसे लेकर विभागों में सहमति नहीं बन पा रही है।
NCRTC के डिजाइन पर उठे सवाल, बदलाव की मांग
बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने नमो भारत स्टेशन का नया डिजाइन मुख्य सचिव के समक्ष रखा। अधिकारियों के अनुसार, NCRTC ने स्पष्ट कहा कि स्टेशन की लोकेशन बदली नहीं जा सकती, क्योंकि यह कॉरिडोर के इंजीनियरिंग प्लान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। NCRTC अधिकारियों ने बताया कि—
“शंकर चौक पर स्टेशन बनने से संचालन में कोई बाधा नहीं आएगी। एंट्री–एग्जिट गेट को दूर रखा जाएगा ताकि मुख्य ट्रैफिक फ्लो प्रभावित न हो,” — NCRTC अधिकारी (बैठक में मौजूद)
मुख्य सचिव रस्तोगी ने हालांकि डिजाइन में और सुधार की जरूरत बताते हुए इसे पुन: अध्ययन करने के निर्देश दिए।
GMDA और GMRC ने जताई चिंता
बैठक में GMDA और GMRL की ओर से बताया गया कि नमो भारत स्टेशन की फाइनल लोकेशन तय न होने से ओल्ड गुड़गांव मेट्रो के साइबर सिटी स्टेशन की भूमि और संरचना को अंतिम रूप नहीं दिया जा पा रहा है।
“साइबर सिटी इंटरचेंज दोनों परियोजनाओं के लिए अहम है। एक की फाइनल लोकेशन तय न होने से दूसरी का निर्माण शेड्यूल प्रभावित हो रहा है,” — GMDA अधिकारी
ट्रैफिक जाम को लेकर HSIDC की आपत्ति
HSIIDC ने बैठक में चिंता जताई कि शंकर चौक जैसे अत्यधिक व्यस्त ट्रैफिक पॉइंट पर नया स्टेशन बनने से भविष्य में भारी ट्रैफिक दबाव बढ़ सकता है।
वहीं NCRTC ने जवाब में कहा कि स्टेशन के गेट साइबर सिटी, साइबर हब और HIL की तरफ प्लान किए जा रहे हैं, जिससे मुख्य रोड पर ट्रैफिक लोड नहीं बढ़ेगा।
कई विभागों की मौजूदगी, संयुक्त समीक्षा के निर्देश
बैठक में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग, बिजली निगम, NCRTC, GMRL, HSIIDC और गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि—
“नमो भारत स्टेशन के नए डिजाइन की संयुक्त समीक्षा की जाए और सुनिश्चित करें कि दोनों परियोजनाओं के निर्माण में किसी प्रकार की बाधा न आए।”
परियोजना पर असर: मेट्रो कनेक्टिविटी में देरी की आशंका
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि लोकेशन पर सहमति जल्द नहीं बनी तो ओल्ड गुड़गांव मेट्रो के साइबर सिटी सेक्शन में देरी हो सकती है। साइबर सिटी को गुरुग्राम की आर्थिक धुरी मानते हुए यहां मेट्रो कनेक्टिविटी व्यवसाय, आवागमन और अस्थायी आवासीय आबादी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
शहरी यातायात विशेषज्ञों का कहना है कि—
“इंटरचेंज स्टेशनों में छोटी-सी लोकेशन गलती भी भविष्य में सिस्टम की क्षमता और ट्रैफिक मैनेजमेंट को प्रभावित कर सकती है। बेहतर है कि डिजाइन को शुरू में ही वैज्ञानिक आधार पर फाइनल किया जाए।”
जनता की प्रतिक्रिया: यात्री सुविधा पर जोर
स्थानीय निवासियों और ऑफिस कर्मचारियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही स्पष्ट समाधान पर पहुंचेगी। कई यात्रियों का कहना है कि मेट्रो और नमो भारत दोनों ही परियोजनाएं उनके दैनिक आवागमन को आसान बनाएंगी, इसलिए देरी नहीं होनी चाहिए।
गुरुग्राम के एक कॉरपोरेट कर्मचारी ने बताया—
“साइबर सिटी में पहले से भारी ट्रैफिक रहता है। अगर स्टेशन प्लानिंग सही हुई तो हजारों यात्रियों को फायदा होगा।”

