आंध्र प्रदेश में बड़ा सड़क हादसा: तीर्थयात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 8 की मौत – राहत कार्य तेज

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीतारामाराजू जिले की शांत पहाड़ियों में शुक्रवार तड़के एक ऐसा हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। अन्नावरम की ओर जा रही एक प्राइवेट ट्रैवल बस अचानक गहरे खाई में गिर गई जिससे आठ तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।

घटना चिंतूर–नारेदुमिल्ली घाट रोड पर उस वक्त हुई जब ड्राइवर कथित तौर पर एक तीखे मोड़ पर वाहन से नियंत्रण खो बैठा। बस सेफ्टी वॉल से टकराई और सीधे खाई में जा गिरी। बस में कुल 37 लोग सवार थे जिनमें दो ड्राइवर भी शामिल थे। सभी यात्री चित्तूर जिले के रहने वाले थे और तेलंगाना के प्रसिद्ध भद्राचलम मंदिर में दर्शन के बाद आगे अन्नावरम मंदिर के लिए रवाना हुए थे।

पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जिस स्थान पर बस गिरी, वहां मोबाइल नेटवर्क बिल्कुल नहीं था। जानकारी पुलिस तक पहुंचने में देरी हुई, जिससे बचाव अभियान भी कुछ देर बाद शुरू हो सका।

मोथुगुंटा पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत कार्य के लिए तुरंत नीचे उतरे। पांच पुलिस वाहनों और तीन एंबुलेंस की मदद से घायलों को चिंतूर के सरकारी अस्पताल पहुंचाया गया। बचाव दल ने मौके से आठ शव बरामद किए और बाकी लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी रखा।

हादसे पर मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने गहरा शोक जताया और अधिकारियों को घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की देरी न होने देने के निर्देश दिए।

गृह मंत्री वी. अनिता और मंत्री जी. संध्या रानी भी घटनास्थल के लिए रवाना हुईं और जिला प्रशासन को पीड़ितों को हर संभव सहायता देने का आदेश दिया।

राज्य में बढ़ते सड़क हादसे पहले ही चिंता का विषय बने हुए हैं। पिछले महीने ही मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं की थर्ड-पार्टी ऑडिटिंग शुरू करने का आदेश दिया था।

राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अब तक 15,462 हादसों में 6,433 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 79% मामले ओवरस्पीडिंग से जुड़े होते हैं जबकि गलत साइड ड्राइविंग, नशे में वाहन चलाने और मोबाइल इस्तेमाल का प्रतिशत भी लगातार चिंता बढ़ा रहा है। सड़क दुर्घटनाओं के मामले में आंध्र प्रदेश देश में आठवें स्थान पर है।

यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर रहा है कि पहाड़ी सड़कों पर भारी वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं और ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए किन सुधारों की सबसे ज्यादा जरूरत है।

इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: ब्रेकिंग न्यूज़

Related Stories