Haryana में कमर्शियल वाहनों पर बड़ा फैसला, 1 जनवरी से कमर्शियल फ्लीट में सिर्फ CNG और इलेक्ट्रिक वाहन ही जोड़े जा सकेंगे।

Haryana News: हरियाणा में सड़कों पर दौड़ने वाले कमर्शियल वाहनों की तस्वीर आने वाले समय में तेजी से बदलने वाली है। राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर अब निजी सेक्टर पर भी सीधा फोकस कर दिया है। ट्रांसपोर्ट से जुड़े एग्रीगेटर्स, डिलीवरी प्लेटफॉर्म और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए नए पर्यावरणीय नियम लागू करने की तैयारी शुरू हो चुकी है जिनका असर सीधे उनके वाहन बेड़े पर पड़ेगा।
परिवहन विभाग की प्रस्तावित व्यवस्था के मुताबिक अब कंपनियां अपने कमर्शियल फ्लीट के लिए पेट्रोल या डीजल से चलने वाले नए वाहन नहीं जोड़ सकेंगी। 1 जनवरी से जो भी नया वाहन किसी कंपनी के बेड़े में शामिल होगा वह केवल CNG या इलेक्ट्रिक विकल्प में ही मान्य होगा। विभाग का मानना है कि शहरी इलाकों में बढ़ते प्रदूषण का बड़ा कारण कमर्शियल ट्रांसपोर्ट भी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नई खरीद पर सख्ती बरती जायेगी और पुराने वहीं पर नजर
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस फैसले का सीधा असर उन कंपनियों पर पड़ेगा जो रोजाना हजारों वाहनों के जरिए डिलीवरी, टैक्सी या लॉजिस्टिक्स सेवाएं देती हैं। हालांकि फिलहाल यह नियम नए वाहनों की खरीद तक सीमित रखा गया है। पहले से चल रहे पेट्रोल-डीजल वाहनों को लेकर आगे की रणनीति अलग चरण में तय की जाएगी।
नियम तय करने से पहले मांगी गई आपत्तियां
परिवहन विभाग ने संकेत दिए हैं कि अंतिम अधिसूचना जारी करने से पहले संबंधित कंपनियों, एजेंसियों और अन्य हितधारकों को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए सात दिन का समय तय किया गया है जिसमें सुझाव या आपत्तियां दर्ज कराई जा सकती हैं। विभाग का कहना है कि व्यावहारिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए नियमों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
2026 से दायरा और बढ़ेगा
परिवहन आयुक्त अतुल कुमार के अनुसार 1 जनवरी 2026 से नियम और ज्यादा सख्त हो जाएंगे। उस तारीख के बाद 3.5 टन तक के चारपहिया वाहन और दोपहिया वाहन भी तभी किसी कमर्शियल बेड़े में जोड़े जा सकेंगे ओर जब वे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मानकों पर खरे उतरेंगे। इसका मकसद NCR और उससे सटे इलाकों में प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना है।
लाइसेंस प्रक्रिया में भी बदलाव होगा
केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत हरियाणा में एग्रीगेटर्स को मिलने वाले लाइसेंस की प्रक्रिया में भी संशोधन किया गया है। अब वही कंपनियां लाइसेंस के योग्य मानी जाएंगी जो अपने बेड़े को धीरे-धीरे स्वच्छ ईंधन की ओर शिफ्ट करेंगी और तय पर्यावरणीय शर्तों का पालन करेंगी।
नए नियमों में NCR क्षेत्र को विशेष रूप से शामिल किया गया है। यहां काम करने वाली कंपनियों को अपने बेड़े में केवल CNG या इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और अन्य स्वीकृत स्वच्छ वाहन ही शामिल करने की अनुमति होगी। सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा और हवा की गुणवत्ता में सुधार दिखेगा।
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