Home ब्रेकिंग न्यूज़Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने दिल्ली में ली अंतिम सांस, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने दिल्ली में ली अंतिम सांस, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

by Saloni Yadav
Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने दिल्ली में ली अंतिम सांस, राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर

नई दिल्ली, 5 अगस्त 2025: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और अनुभवी राजनेता सत्यपाल मलिक का आज मंगलवार को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में निधन हो गया। वह 79 साल के थे। उनके निधन की खबर ने राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ा दी। मलिक लंबे समय से किडनी से जुड़ी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य मुश्किलों से जूझ रहे थे। अस्पताल के बयान के मुताबिक उन्होंने दोपहर 1:12 बजे अंतिम सांस ली।

लंबी बीमारी से जूझ रहे थे मलिक

सत्यपाल मलिक को 11 मई 2025 को RML अस्पताल में भर्ती किया गया था। शुरुआत में उन्हें यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की शिकायत थी जो बाद में गंभीर हो गई। अस्पताल के अनुसार, मलिक को डायबिटिक किडनी रोग, हाई ब्लड प्रेशर, और स्लीप एपनिया जैसी पुरानी बीमारियां थीं। हालत बिगड़ने पर उन्हें ICU में रखा गया, जहां वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। कई कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।

एक नजर सत्यपाल मलिक के सफर पर

उत्तर प्रदेश के बागपत से ताल्लुक रखने वाले सत्यपाल मलिक ने 1960 के दशक में छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। जाट समुदाय के प्रभावशाली नेता मलिक ने 1974 में चौधरी चरण सिंह की भारतीय क्रांति दल से विधायक के रूप में पहली बार जीत हासिल की। इसके बाद वह राज्यसभा और लोकसभा सांसद भी रहे। उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीजेपी जैसी कई पार्टियों के साथ काम किया। 2018 में उन्हें जम्मू-कश्मीर का गवर्नर बनाया गया, जहां उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला हुआ।

नेताओं ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलिक के निधन पर दुख जताते हुए X पर लिखा, “श्री सत्यपाल मलिक जी के निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।” कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मलिक को किसानों और सच बोलने की हिम्मत के लिए याद किया।

सियासत में बेबाक रुख के लिए याद किए जाएंगे

मलिक ने हाल के वर्षों में केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, खासकर 2020-21 के किसान आंदोलन और पुलवामा हमले को लेकर। उनकी बेबाकी ने उन्हें चर्चा में रखा। उनके निधन से देश ने एक साहसी और जुझारू नेता को खो दिया। उनके पार्थिव शरीर को दिल्ली के आरके पुरम स्थित उनके आवास पर ले जाया गया है, और अंतिम संस्कार बुधवार को लोधी श्मशान घाट में होगा।

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