यमुना एक्सप्रेसवे हादसा: आग में घिरी बस से बच्चों को बाहर फेंक गई मां, खुद रह गई अंदर

Yamuna Expressway Mathura Aaccident: मथुरा के यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के हुए भीषण हादसे ने कई परिवारों की ज़िंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया। घने कोहरे में एक के बाद एक भिड़ी गाड़ियों के बीच आग ने ऐसा कहर बरपाया कि कुछ सेकंड में सब कुछ खत्म हो गया। उसी आग के बीच एक मां ने अपने बच्चों को बचाने के लिए वो फैसला लिया, जिसे सुनकर आंखें नम हो जाती हैं।

42 साल की पार्वती देवी उस बस में फंसी थीं, जो टक्कर के बाद धधकती आग में घिर चुकी थी। धुआं भर चुका था, लपटें खिड़कियों तक पहुंच रही थीं। पास वक्त नहीं था, रास्ता नहीं था। बस इतना वक्त था कि उन्होंने खिड़की तोड़ी और अपने दो बच्चों — 8 साल की प्राची और 12 साल के शनि — को बाहर धकेल दिया। बच्चे बाहर गिरते ही सड़क पर थे, लेकिन पार्वती खुद बाहर नहीं निकल सकीं। Yamuna Expressway Mathura Aaccident

परिवार का कहना है कि टूटे शीशे के तेज़ टुकड़े पार्वती की गर्दन में लग गए थे। उनका बड़ा बेटा आकाश कुमार बताता है कि मां आखिरी बार उसी जलती बस में दिखाई दी थीं। इसके बाद बस पूरी तरह आग की चपेट में आ गई।

यह हादसा सुबह करीब 3:40 बजे बलदेव थाना क्षेत्र में माइलस्टोन 127 के पास हुआ। घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम थी। इसी दौरान 11 वाहन आपस में टकरा गए। टक्कर के बाद कम से कम 10 गाड़ियों में आग लग गई। हादसे में 13 लोगों की मौके पर ही जलकर मौत हो गई, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।Yamuna Expressway Mathura Aaccident

पहचान बना सबसे बड़ी चुनौती

हादसे के बाद सबसे मुश्किल काम मृतकों की पहचान बन गया है। कई शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि पहचान संभव नहीं हो पा रही। ग्रामीण एसपी सुरेश चंद रावत के मुताबिक, डीएनए जांच के जरिए ही यह पुष्टि हो सकेगी कि पार्वती देवी मृतकों में शामिल हैं या नहीं।

पार्वती अपने बच्चों के साथ हमीरपुर से नोएडा जा रही थीं, जहां उनके पति गोविंद रहते हैं। हादसे की खबर मिलते ही गोविंद, बड़ा बेटा आकाश और देवर गुलजारी मथुरा पहुंच गए। लेकिन अस्पतालों, पोस्टमार्टम हाउस और राहत केंद्रों के चक्कर लगाने के बावजूद पार्वती का कोई सुराग नहीं मिला है।Yamuna Expressway Mathura Aaccident

देवर गुलजारी कहते हैं, “हम जिला अस्पताल गए, वृंदावन तक तलाश की, पोस्टमार्टम हाउस भी पहुंचे… लेकिन कुछ पता नहीं चला। इस एक हादसे ने पूरा परिवार तोड़ दिया है।”

इंतज़ार, उम्मीद और सवाल

पुलिस और प्रशासन परिवार को भरोसा दिला रहे हैं कि तलाश जारी है। एसपी रावत का कहना है कि हर स्तर पर जांच की जा रही है और डीएनए सैंपल लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। लेकिन परिवार के लिए हर गुजरता घंटा और भारी होता जा रहा है।

यमुना एक्सप्रेसवे पर यह हादसा एक बार फिर घने कोहरे, तेज रफ्तार और सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल खड़े कर गया है। आंकड़ों से ज्यादा, यह हादसा उन चेहरों की कहानी है जो अपनों को ढूंढते हुए अस्पतालों के गलियारों में भटक रहे हैं — और उस मां की, जिसने आखिरी पल तक सिर्फ अपने बच्चों के बारे में सोचा।Yamuna Expressway Mathura Aaccident

इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: ब्रेकिंग न्यूज़

Related Stories