EPFO का बड़ा तोहफा: जनवरी 2026 से ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा

Rajveer Singh
EPFO का बड़ा तोहफा: जनवरी 2026 से ATM से निकाल सकेंगे PF का पैसा

नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने 7.8 करोड़ से ज्यादा मेंबर्स के लिए एक नई सुविधा लाने की तैयारी में है. अब जनवरी 2026 से आप अपने PF खाते से ATM के जरिए पैसा निकाल सकेंगे. सूत्रों के मुताबिक, EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) इस प्रस्ताव को अक्टूबर 2025 की बोर्ड मीटिंग में मंजूरी दे सकती है.

क्या है नया अपडेट?

EPFO अपने मेंबर्स को उनके जमा PF कॉर्पस का कुछ हिस्सा ATM से निकालने की सुविधा देने की योजना बना रहा है. इसके लिए संगठन एक खास कार्ड जारी कर सकता है, जिसे मेंबर्स ATM में इस्तेमाल कर सकेंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमारा IT सिस्टम इस तरह के लेन-देन के लिए तैयार है. निकासी की सीमा पर अभी विचार चल रहा है.”

EPFO का कुल कॉर्पस इस समय 28 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है. इस नई सुविधा से मेंबर्स को आपात स्थिति में अपने फंड तक तेजी से पहुंच मिलेगी.

सरकार की मंशा

सरकार का लक्ष्य है कि EPFO मेंबर्स को उनके पैसे तक आसान और त्वरित पहुंच मिले. इसके लिए मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और बैंकों के साथ भी चर्चा शुरू कर दी है. इस सुविधा को लागू करने के लिए EPFO को बैंकों और पेमेंट नेटवर्क्स के साथ मिलकर काम करना होगा.

ऑटोमैटिक क्लेम में भी राहत

इस साल की शुरुआत में EPFO ने ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट की सीमा को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था. इस प्रक्रिया में डिजिटल सिस्टम और एल्गोरिद्म के जरिए क्लेम की पात्रता तय होती है जिससे मैन्युअल प्रक्रिया की जरूरत खत्म हो गई है.

क्या होगा फायदा?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ATM से PF निकासी की सुविधा मेंबर्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है. इससे न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि इमरजेंसी में तुरंत पैसों की जरूरत पूरी हो सकेगी. हालांकि, इस सुविधा की सफलता EPFO की डिजिटल तकनीक सुरक्षा उपायों और बैंकों के साथ सहयोग पर निर्भर करेगी.

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राजवीर सिंह एक पेशेवर कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें पत्रकारिता का अनुभव है और स्थानीय, सामुदायिक और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की गहरी समझ रखते हैं। वे अपने ज्ञान का उपयोग न केवल अपनी शैक्षणिक पृष्ठभूमि, बल्कि अपनी प्रत्यक्ष समझ के आधार पर जानकारीपूर्ण लेख लिखने में करते हैं। वे केवल सूचना देने के लिए नहीं, बल्कि आवाज़ उठाने के लिए भी लिखते हैं।