मुंबई, 17 अगस्त 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो रेट में कटौती के बावजूद देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने नए ग्राहकों के लिए होम लोन की ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। अब एसबीआई के होम लोन की ब्याज दर 7.50% से बढ़कर 8.70% हो गई है। पहले अधिकतम ब्याज दर 8.45% थी, जिसे अब बढ़ाकर 8.70% कर दिया गया है।
कम क्रेडिट स्कोर वालों पर बड़ा असर
यह बदलाव खासतौर पर उन ग्राहकों को प्रभावित करेगा, जिनका क्रेडिट स्कोर कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि कम क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को अब होम लोन लेने में ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। वहीं, जिन ग्राहकों का क्रेडिट प्रोफाइल बेहतर है, उन्हें तुलनात्मक रूप से कम ब्याज दर का फायदा मिल सकता है।
अन्य बैंकों की स्थिति
सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों जैसे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में होम लोन की ब्याज दरें 7.35% से शुरू होती हैं और अधिकतम 10.10% या उससे ज्यादा हो सकती हैं। अंतिम ब्याज दर ग्राहक के क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करती है। माना जा रहा है कि एसबीआई के इस कदम के बाद अन्य बैंक भी अपनी ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं।
आरबीआई की रेपो रेट कटौती
आरबीआई ने 2025 में अब तक रेपो रेट में तीन बार में कुल 100 आधार अंकों (1%) की कटौती की है। वर्तमान में रेपो रेट 5.5% है। रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। इस कटौती का मकसद आम लोगों को सस्ते कर्ज के जरिए राहत देना था। माना जा रहा था कि इससे होम लोन और अन्य कर्ज सस्ते होंगे।
एसबीआई का दावा और वास्तविकता
एसबीआई ने पहले कहा था कि रेपो रेट में कटौती से होम लोन सस्ते होंगे, खासकर वे जो एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (ईबीएलआर) से जुड़े हैं। अगस्त 2025 तक एसबीआई के ज्यादातर होम लोन नए ग्राहकों के लिए ईबीएलआर से जुड़े होंगे। हालांकि, ब्याज दरों में ताजा बढ़ोतरी ने ग्राहकों को हैरान कर दिया है।
क्या होगा असर?
ब्याज दरों में इस बढ़ोतरी से उन लोगों पर असर पड़ सकता है, जो घर खरीदने के लिए होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि ग्राहकों को लोन लेने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर की जांच करनी चाहिए और अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करनी चाहिए।

