असम चुनाव से पहले बड़ा एक्शन: वोटर लिस्ट से 10.56 लाख नाम हटे, क्या बदलेगा समीकरण?

असम में विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची की बड़े पैमाने पर सफाई की गई है। विशेष पुनरीक्षण में 10.56 लाख नाम हटाए गए, जिनमें मृतक, पते बदलने वाले और डुप्लिकेट एंट्रियां शामिल हैं। नई ड्राफ्ट लिस्ट में अब 2.51 करोड़ पंजीकृत वोटर दर्ज हैं।

  • असम वोटर लिस्ट से 10.56 लाख नाम हटे
  • चुनाव से पहले बड़ा क्लीन-अप अभियान
  • मृत, शिफ्टेड और डुप्लिकेट वोटर्स बाहर
  • 93 हजार D-Voters पर अब भी सस्पेंस

गुवाहाटी (NFLSpice News)। असम विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मतदाता सूची में ज़बरदस्त सफाई अभियान देखने को मिला है। चुनाव आयोग की विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया में 10.56 लाख से अधिक वोटर्स के नाम सूची से हटाए गए हैं। यह कदम चुनाव से पहले पारदर्शिता और वास्तविक मतदाता संख्या तय करने की दिशा में सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

नया ड्राफ्ट रोल जारी होने के बाद अब असम में कुल 2.51 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इसमें वे 93,000 से ज्यादा ‘डी-वोटर्स’ शामिल नहीं हैं जिनकी नागरिकता अभी जांच के दायरे में है। दिलचस्प बात यह है कि ये डी-वोटर्स सूची में तो दिखाई देते हैं लेकिन इन्हें मतदान का अधिकार नहीं मिलता।

क्या बदला, क्यों बदला

चुनाव आयोग के मुताबिक हटाए गए नामों में सबसे बड़ा हिस्सा उन लोगों का है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। करीब 4.8 लाख मृत वोटर्स की पुष्टि के बाद उनके नाम तुरंत डिलीट किए गए। वहीं 5.23 लाख से ज्यादा लोग अपने पंजीकृत पते से कहीं और शिफ्ट हो चुके थे जिसके चलते उनके नाम भी हटा दिए गए।

डुप्लिकेट पहचान पर फोकस

अभियान के दौरान तकनीकी मिलान और दस्तावेज़ मिलान में 53 हज़ार से ज्यादा एंट्रियां संदिग्ध पाई गईं। कई जगह नाम, पता और जन्म वर्ष के मेल खाने पर इन्हें डुप्लिकेट मानते हुए सूची से बाहर किया गया। अधिकारियों का दावा है कि इस बार टेक्नोलॉजी और लोकल सर्वे की मदद से रिकॉर्ड स्तर की पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।

डी-वोटर्स का सवाल अब भी बाकी

असम में नागरिकता और वोटिंग अधिकार का मुद्दा लंबे समय से राजनीतिक बहस का हिस्सा रहा है। 93,000 से ज्यादा डी-वोटर्स अभी भी अस्थिर स्थिति में हैं। ड्राफ्ट लिस्ट में ये नाम मौजूद रहेंगे, लेकिन इनके सामने मतदान का अधिकार खाली दर्ज है। चुनाव नज़दीक आते-आते यह तबका फिर सुर्खियों में रहने की आशंका है।

पूर्व चुनावी माहौल में बड़ा संकेत

विशेषज्ञों के अनुसार यह आंकड़ा चुनावी समीकरण को बदल सकता है। कम संख्या का सीधा असर कई सीटों पर वोट शेयर और जीत के संभावित मार्जिन पर पड़ेगा। विपक्ष इस सफाई अभियान पर नजर रखे हुए है जबकि सत्ता पक्ष इसे जरूरी सुधार बता रहा है। आने वाले दिनों में आपत्तियों और सुधार के बाद अंतिम वोटर लिस्ट जारी की जाएगी।

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