पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की धमक तेज हो गई है। एनडीए ने रविवार को सीट शेयरिंग का ऐलान कर दिया, जिसमें बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें मिलीं। पहली बार दोनों पार्टियां बराबरी पर उतरेंगी। इधर, महागठबंधन में अब भी पेंच फंसा है। लालू परिवार दिल्ली रवाना हो गया, तो कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए। पहले चरण के नामांकन की डेडलाइन नजदीक आते ही बेचैनी बढ़ गई है। आइए जानते हैं, क्या है ये चौंकाने वाली डील।
एनडीए का मास्टरस्ट्रोक: जेडीयू-बीजेपी की बराबरी, चिराग को 29 सीटें
बिहार की 243 सीटों पर सियासत गरमाई तो एनडीए ने कमाल कर दिया। कई दिनों की खींचतान के बाद रविवार (12 अक्टूबर 2025) को फॉर्मूला फाइनल हो गया। बीजेपी और सीएम नीतीश कुमार की जेडीयू को 101-101 सीटें। ये पहली दफा है जब दोनों पार्टियां कंधे से कंधा मिलाकर लड़ेंगी। पहले जेडीयू को बड़ा भाई माना जाता था, लेकिन पीएम मोदी के जमाने में बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की एलजेपी (राम विलास) को 29 सीटें मिलीं। 2020 में चिराग की बगावत से जेडीयू को झटका लगा था, लेकिन अब वो एनडीए का अहम हिस्सा। जीतन राम मांझी की एचएएम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम को 6-6 सीटें। कुल 243 में सबका हिसाब बराबर।
मांझी खुश नहीं दिखे। पटना पहुंचकर उन्होंने कहा, “उच्च कमान का फैसला मान लिया, लेकिन 6 सीटें कम हैं। हमारी ताकत को कम आंका गया। इसका खामियाजा एनडीए को भुगतना पड़ सकता है।” फिर भी, उन्होंने पीएम मोदी के साथ ‘आखिरी सांस तक’ रहने का ऐलान किया।
ये ऐलान ऐसे वक्त हुआ जब पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख (17 अक्टूबर) बस एक हफ्ते दूर है। एनडीए के ये कदम विपक्ष को बैकफुट पर ला सकता है।
महागठबंधन में हाहाकार: लालू परिवार दिल्ली, कार्यकर्ता भड़के
दूसरी तरफ, महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) में सीट बंटवारे का घमासान थमा नहीं। आरजेडी चीफ लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव दिल्ली चले गए। कयास लगे कि राहुल गांधी से दखल की गुजारिश करेंगे, लेकिन बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने साफ किया, “कोई सीट शेयरिंग की बात नहीं। लैंड फॉर जॉब्स केस में कोर्ट में पेशी है।”
लालू परिवार के घर के बाहर आरजेडी कार्यकर्ताओं ने खूब हंगामा किया। नारों के बीच गुस्सा फूटा। आरजेडी सूत्रों के हवाले से कहा गया कि पार्टी कम से कम 120 सीटें मांगेगी। देरी की जिम्मेदारी कांग्रेस, वाम दलों और मुकेश साहनी की वीआईपी पर डाली। कांग्रेस अपनी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की कामयाबी के नाम पर 60 सीटें दावा कर रही है। राहुल गांधी ने दो हफ्ते में 25 जिलों का दौरा किया था।
आरजेडी ने कांग्रेस को 50 सीटें ऑफर कीं, लेकिन वो राजी नहीं। अब हाईकमान से सीधी बात हो सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने एनडीए पर तंज कसा, “बीजेपी ने नीतीश को किनारे कर दिया। जेडीयू अब जूनियर पार्टनर। जल्द ही बीजेपी जेडीयू को निगल लेगी।”
चुनाव का शेड्यूल: दो चरण, 14 नवंबर को रिजल्ट
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया। बिहार में दो फेज में वोटिंग: 6 और 11 नवंबर। गिनती 14 नवंबर को। पहले फेज के लिए नामांकन 17 अक्टूबर तक। उम्मीदवारों में बेचैनी साफ दिख रही। कुल 7 करोड़ 43 लाख वोटर, 90 हजार से ज्यादा बूथ।
जन सुराज का दांव: प्रशांत किशोर राघोपुर पर?
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बढ़त ली। पहले 51 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी, अब सोमवार को 65 की और। सबकी नजर वैशाली के राघोपुर पर, जहां तेजस्वी तीसरी बार दांव पर। प्रशांत ने संकेत दिए कि वो खुद लड़ सकते हैं। ये पार्टी एक साल पुरानी, लेकिन बिहार बदलाव की उम्मीद जगाए हुए।
क्या कहते एक्सपर्ट?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, एनडीए का बराबरी वाला फॉर्मूला स्मार्ट मूव है। नीतीश की पकड़ बनी रहेगी, लेकिन बीजेपी का दबदबा बढ़ेगा। महागठबंधन की देरी विपक्ष को कमजोर कर रही। अगर जल्द ऐलान न हुआ, तो उम्मीदवारों की बगावत हो सकती। बिहार की जनता अब विकास और नौकरियों पर नजर। कौन जीतेगा, ये तो वोट ही बताएंगे।
