Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Election 2025) का माहौल गर्माने लगा है। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है, लेकिन एनडीए (NDA) और महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे (Seat Sharing) का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) के ताजा बयान ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है।
चिराग पासवान का भावुक बयान
चिराग पासवान ने अपने पिता और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करते हुए एक भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा, “पापा हमेशा कहते थे, ‘अपराध मत करो, अपराध मत सहो। जीना है तो मरना सीखो, हर कदम पर लड़ना सीखो।'” चिराग ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “मैं आपके दिखाए रास्ते पर चलकर बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट (Bihar First, Bihari First) के विजन को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) में सीट बंटवारे को लेकर चिराग ने एनडीए से अलग राह पकड़ ली थी। इसका नुकसान नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जेडीयू (JDU) को उठाना पड़ा था। अब एक बार फिर चिराग के तेवर देखकर अटकलें तेज हो गई हैं कि अगर उन्हें मनचाही सीटें (Desired Seats) नहीं मिलीं, तो वे एनडीए से नाता तोड़ सकते हैं।
चुनाव की तारीखें और अहम जानकारी
चुनाव आयोग (Election Commission) ने 6 अक्टूबर, 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। बिहार की 243 सीटों (Bihar Assembly Seats) पर दो चरणों में मतदान होगा। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। नीतीश कुमार 2025 तक बिहार के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Bihar) बने रहेंगे। यह चुनाव एनडीए और महागठबंधन (Mahagathbandhan) दोनों के लिए बेहद अहम है।
एनडीए में सीट बंटवारे का पेंच
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे का फॉर्मूला अभी तक तय नहीं हो सका है। बुधवार को इस मुद्दे पर फैसला होने की उम्मीद थी, लेकिन बात नहीं बनी। चिराग पासवान की नाराजगी और उनके बयान ने बीजेपी (BJP) और जेडीयू को सोच में डाल दिया है। अगर चिराग अलग राह चुनते हैं, तो बिहार की सियासत (Bihar Politics) में बड़ा उलटफेर हो सकता है।
बिहार फर्स्ट का सपना
चिराग पासवान ने अपने पिता के बिहार के सर्वांगीण विकास (Bihar Development) के सपने को दोहराते हुए कहा कि वे इसे साकार करने के लिए जी-जान से जुटे हैं। उनके इस बयान को सियासी हलकों में एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि वे अपनी शर्तों पर समझौता नहीं करेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की यह जंग अब और रोमांचक हो गई है। चिराग पासवान के अगले कदम पर सभी की नजरें टिकी हैं। क्या वे एनडीए के साथ रहेंगे या अलग राह चुनेंगे? यह सवाल बिहार की सियासत को नया मोड़ दे सकता है।

