हरियाणा विधानसभा में रात तक हंगामा, वंदे मातरम और अविश्वास प्रस्ताव ने बढ़ाया टकराव

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा देर रात तक चली। वंदे मातरम को लेकर शुरू हुई बहस ने सदन का माहौल गरमा दिया। नारेबाजी, तीखे बयान और मार्शल विवाद के वीडियो से सियासत और तेज हो गई।

Haryana News: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन पूरी तरह राजनीतिक टकराव की भेंट चढ़ गया। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा जैसे-जैसे आगे बढ़ी, सदन का माहौल भी उतना ही तनावपूर्ण होता चला गया। बहस की तीव्रता को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही तय समय से एक घंटे आगे तक बढ़ानी पड़ी और चर्चा देर रात तक जारी रही। कार्यवाही के दौरान कई बार शोरगुल और नारेबाजी का माहौल बना, जिससे सदन को संभालना चुनौती बन गया। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही अपने-अपने तर्कों पर अड़े नजर आए। बहस के बीच वंदे मातरम को लेकर उठे मुद्दे ने सदन की दिशा ही बदल दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम एक पवित्र भाव है और इसे किसी अन्य राजनीतिक या सामाजिक मुद्दे से जोड़ना उचित नहीं है। उनका कहना था कि ऐसे विषयों को विवाद का केंद्र बनाना संसदीय परंपराओं के खिलाफ है।

इस पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वंदे मातरम उनके लिए केवल नारा नहीं, बल्कि पारिवारिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह वही वंदे मातरम है जिसे उनके दादा भी सम्मान के साथ कहा करते थे, इसलिए इस पर किसी की नीयत पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। कांग्रेस विधायक आदित्य सुरजेवाला ने वंदे मातरम की कुछ पंक्तियों का संदर्भ देते हुए प्रदूषण और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाया। उनका तर्क था कि राष्ट्रप्रेम केवल शब्दों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज की समस्याओं पर गंभीरता से बात करने में भी दिखना चाहिए। इसी बिंदु पर सदन में नारेबाजी तेज हो गई।

सरकार की ओर से गृह मंत्री अनिल विज ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वंदे मातरम को किसी अन्य मुद्दे से जोड़ना उसकी गरिमा को कम करता है और इस तरह की बहस से बचा जाना चाहिए। सदन के भीतर चल रहे हंगामे के बीच बाहर राजनीतिक माहौल और गरमा गया। भाजपा हरियाणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कांग्रेस विधायक गीत भुक्कल और महिला मार्शल के बीच हाथापाई जैसे हालात दिखाई दिए। भाजपा ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ विधायक ने वेल में आकर संसदीय मर्यादा का उल्लंघन किया और स्पीकर द्वारा नेम किए जाने के बावजूद सदन छोड़ने से इनकार किया। पार्टी का दावा है कि महिला मार्शल बार-बार आदेश का पालन कराने की कोशिश करती रहीं, लेकिन स्थिति संभल नहीं सकी।

वीडियो सामने आने के बाद महिला सम्मान और विधानसभा की गरिमा को लेकर नई बहस छिड़ गई। कांग्रेस की ओर से इसे राजनीतिक रूप से पेश किया गया मामला बताया जा रहा है, हालांकि इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा देर रात तक चलती रही। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी रणनीति के तहत एक-दूसरे को घेरने की कोशिश की। शीतकालीन सत्र का यह दिन न सिर्फ राजनीतिक टकराव, बल्कि सदन की मर्यादा और कार्यशैली पर उठे सवालों के लिए भी चर्चा में रहा।

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