Rajasthan News: जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में एक दुखद घटना ने पूरे शहर को हिला दिया है। छठी कक्षा की छात्रा मायरा की मौत की खबर ने हर संवेदनशील दिल को झकझोर दिया है। घटना मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को स्कूल परिसर में हुई, जहां मायरा छठी मंजिल से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसे तुरंत मेट्रोमास अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
कैसे हुई ये घटना?
इस समय देशभर में मायरा की मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। उसकी सहपाठियों के अनुसार, शिक्षक की कथित प्रताड़ना से आहत होकर मायरा ने यह कदम उठाया। हालांकि, पुलिस अभी इस मामले की गहनता से जांच कर रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, यह घटना सुसाइड के रूप में दर्ज की गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि क्या कोई बाहरी दबाव या लापरवाही भी शामिल थी।
संबंधित विभाग के अधिकारी पहुंचे और पुलिस कार्रवाई शुरू
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि घटना के बाद पुलिस और फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की टीम स्कूल पहुंची और घटनास्थल की जांच की। मानसरोवर पुलिस स्टेशन के एसएचओ लखन सिंह ने बताया कि मायरा के माता-पिता को सूचित कर दिया गया है और गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। अभी तक कोई लिखित या मौखिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है लेकिन पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी संजय श्रीवास्तव समेत अन्य अधिकारी भी स्कूल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। स्कूल प्रशासन ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है, जिससे लोगों में और आक्रोश बढ़ा है।
परिवार और समाज की प्रतिक्रिया आई सामने
मायरा के परिवार का दर्द शब्दों से परे है ओर बयां नहीं किया जा सकता। परिजनों ने न्याय की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। सोशल मीडिया पर #JusticeForMayra ट्रेंड कर रहा है, और लोग इस घटना को शिक्षा तंत्र की विफलता करार दे रहे हैं।
परिवार की मांग – निष्पक्ष की जाए जांच
जयपुर में घटित इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा संस्थानों में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि शिक्षा का मकसद सिर्फ अंक हासिल करना नहीं, बल्कि बच्चों के मन और सम्मान की रक्षा करना भी है। सरकार और प्रशासन से मांग की जा रही है कि तत्काल निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
मायरा की मौत ने न केवल एक परिवार को तबाह किया है बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। क्या हमारी शिक्षा प्रणाली बच्चों के सपनों को पंख दे रही है या उन्हें कुचल रही है? इस सवाल का जवाब तलाशना आज की सबसे बड़ी चुनौती है। पुलिस और शिक्षा विभाग की ओर से जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही सच सामने आएगा। आप बने रहिए एनएफएल स्पाइस न्यूज के साथ जहां आपको जरूरी अपडेट मिलते रहेंगे।

