25 साल बाद बिजली बिलों में बम्पर बढ़ौतरी: 300 यूनिट से ऊपर वालों को राहत, लेकिन फिक्स्ड चार्ज बढ़ा

Saloni Yadav
Rajasthan Electricity Tariff Change 2025

राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers) के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य विद्युत नियामक आयोग (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) ने 25 साल बाद घरेलू बिजली टैरिफ (Electricity Tariff) में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करने वालों को कुछ राहत मिली है, लेकिन फिक्स्ड चार्ज (Fixed Charge) और रेगुलेटरी सरचार्ज (Regulatory Surcharge) में बढ़ोतरी ने उपभोक्ताओं के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएं पैदा की हैं। आइए जानते हैं इस नई टैरिफ नीति के बारे में विस्तार से।

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300 यूनिट से ज्यादा खपत वालों के लिए राहत और सरचार्ज

नए टैरिफ नियमों के अनुसार, जिन घरों की बिजली खपत 300 यूनिट से अधिक है, उनके लिए बिजली दरों (Electricity Rates) में कमी की गई है। लेकिन, इसके साथ ही प्रति यूनिट 1 रुपए तक का रेगुलेटरी सरचार्ज भी जोड़ा गया है। साथ ही, फिक्स्ड चार्ज में भी बढ़ोतरी की गई है, जिसमें बेस फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge) शामिल है। यह बदलाव बिजली कंपनियों (Power Companies) के बढ़ते खर्चों को ध्यान में रखकर किए गए हैं।

छोटे उपभोक्ताओं को भी फायदा

300 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं (Domestic Consumers) के लिए प्रति यूनिट 35 से 50 पैसे की छूट दी गई है। हालांकि, इन पर भी 70 पैसे से 1 रुपए प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज लगेगा, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी। करीब 1.39 करोड़ घरेलू और कृषि उपभोक्ता (Agricultural Consumers) इस योजना के दायरे में आएंगे।

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31 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा बिल

राज्य में लगभग 15.37 लाख घरेलू उपभोक्ता, जो 300 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत करते हैं, और 16 लाख कॉमर्शियल व औद्योगिक उपभोक्ता (Commercial and Industrial Consumers) अब बढ़े हुए फिक्स्ड चार्ज और सरचार्ज के साथ बिल भरेंगे। 500 यूनिट से अधिक खपत वाले घरों का फिक्स्ड चार्ज 100 से 350 रुपए तक बढ़ाया गया है। इसके अलावा, व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी बिजली दरों में वृद्धि देखी गई है।

टाइम ऑफ डे (TOD) टैरिफ में नया नियम

नए नियमों में टाइम ऑफ डे (Time of Day Tariff) टैरिफ में भी बदलाव किया गया है। पीक आवर (Peak Hours) यानी सुबह 6 से 8 बजे और शाम 6 से 10 बजे के बीच बिजली खपत पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगेगा। वहीं, दोपहर 12 से 4 बजे तक बिजली उपयोग पर 10 प्रतिशत छूट मिलेगी। यह व्यवस्था 10 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले कनेक्शनों पर लागू होगी, जिसका उद्देश्य पावर लोड (Power Load) को संतुलित करना है।

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बिजली कंपनियों का दावा, उपभोक्ताओं की चिंता

बिजली विभाग (Electricity Department) का कहना है कि सभी श्रेणियों में बिजली शुल्क में कटौती की गई है और टैरिफ संरचना को सरल बनाया गया है। खासकर 100 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। लेकिन, फिक्स्ड चार्ज और सरचार्ज में बढ़ोतरी से कई उपभोक्ता चिंतित हैं कि उनका बिजली बिल (Electricity Bill) बढ़ सकता है।

राजस्थान में बिजली उत्पादन लागत ज्यादा

राजस्थान में बिजली उत्पादन की लागत (Power Generation Cost) 7.96 रुपए प्रति यूनिट है, जो अन्य राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से ज्यादा है। इसलिए, उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने फिक्स्ड चार्ज, सरचार्ज और सब्सिडी (Subsidies) का मिश्रित फार्मूला अपनाया है।

यह नया टैरिफ नियम उपभोक्ताओं के लिए राहत और चुनौती दोनों लेकर आया है। जहां छोटे उपभोक्ताओं को कुछ फायदा होगा, वहीं बड़े उपभोक्ताओं को बढ़े हुए शुल्क का सामना करना पड़ सकता है।

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FAQs

Q1. नया बिजली टैरिफ कब से लागू होगा?
राज्य विद्युत नियामक आयोग के अनुसार, नया टैरिफ 1 नवंबर 2025 से लागू किया जाएगा।

Q2. क्या छोटे उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलेगी?
हाँ, 300 यूनिट से कम खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सरकार सब्सिडी वहन करेगी।

Q3. क्या औद्योगिक उपभोक्ताओं पर भी असर पड़ेगा?
जी हाँ, औद्योगिक क्षेत्रों में Fixed Charge और Regulatory Surcharge दोनों बढ़ाए गए हैं।

Q4. कौन से समय में लगेगा अतिरिक्त चार्ज?
सुबह 6 से 8 बजे और शाम 6 से 10 बजे के बीच बिजली उपयोग करने पर 10% अतिरिक्त चार्ज लगाया जाएगा।

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सलोनी यादव एक अनुभवी पत्रकार हैं जिन्होंने अपने 10 साल के करियर में कई अलग-अलग विषयों को बखूबी कवर किया है। उन्होंने कई बड़े प्रकाशनों के साथ काम किया है और अब NFL स्पाइस पर अपनी सेवाएँ दे रहा है। सलोनी यादव हमेशा प्रामाणिक स्रोतों और अपने अनुभव के आधार पर जानकारी साझा करती हैं और पाठकों को सही और विश्वसनीय सलाह देती हैं।