धर्मशाला, 14 दिसंबर। हिमालय की गोद में बसे एचपीसीए स्टेडियम में रविवार की सर्द सुबह भारतीय क्रिकेट ने एक और ऐतिहासिक पल देखा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टी20 में टीम इंडिया के उपकप्तान हार्दिक पंड्या ने वह मील का पत्थर छू लिया, जिसका इंतजार भारतीय फैंस लंबे समय से कर रहे थे। ट्रिस्टन स्टब्स को आउट करते ही पंड्या टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘विकेटों का शतक’ पूरा करने वाले तीसरे भारतीय और दुनिया के पहले ऐसे तेज गेंदबाज बन गए, जिनके नाम 1,000+ रन और 100 विकेट दोनों दर्ज हैं।
यह उपलब्धि सिर्फ आंकड़ों की जीत नहीं, बल्कि पंड्या के उतार-चढ़ाव से भरे करियर की भी कहानी है—चोटों से वापसी, नेतृत्व की जिम्मेदारी और एक बार फिर टीम को आगे ले जाने की क्षमता।
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मैच में भारतीय गेंदबाजों का पूरा हमला दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों पर भारी पड़ा। सबसे चौंकाने वाला परफॉर्मेंस रहा वरुण चक्रवर्ती का, जिन्होंने अपनी रहस्यमयी गेंदबाजी से 4 ओवर में सिर्फ 11 रन देकर 2 विकेट निकाले। इसी के साथ वे सबसे कम मैचों में 50 टी20 इंटरनेशनल विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बन गए—सिर्फ 32 मैचों में। उनसे तेज सिर्फ कुलदीप यादव रहे हैं, जिन्होंने यह मुकाम 30 मैचों में छुआ था।
दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी शुरुआत से ही लड़खड़ा गई। 44 रन तक टीम अपने 5 विकेट खो चुकी थी और हालात बेहद चुनौतीपूर्ण हो चुके थे। ऐसे में कप्तान एडेन मार्करम ने अकेले संघर्ष किया। 46 गेंदों में 61 रन की उनकी जुझारू पारी (2 छक्के, 6 चौके) ने स्कोर को संभालने की कोशिश तो की, लेकिन टीम को 117 के मामूली कुल तक ही पहुंचा सकी।
डोनोवन फरेरा (20) और एनरिक नॉर्त्जे (12) के अलावा कोई भी बल्लेबाज दहाई तक नहीं पहुंच पाया।
भारत की ओर से हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती और कुलदीप यादव ने 2-2 विकेट लिए, जबकि हार्दिक पंड्या और शिवम दुबे ने 1-1 विकेट चटकाया।
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पांच मैचों की इस टी20 सीरीज में फिलहाल स्कोर 1-1 की बराबरी पर है। तीसरा मुकाबला दोनों टीमों के लिए सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि मोमेंटम हासिल करने का मौका भी है—और भारतीय टीम पहले ही ओवर से उस लय में दिखाई दी, जिसकी उसे तलाश थी। धर्मशाला की बर्फीली हवा में भारतीय गेंदबाजों की आग ने मैच का रुख पूरी तरह नीला कर दिया।