धर्मशाला की ठंडी हवा में रविवार शाम एक अलग ही रोमांच तैर रहा है। पांच मैचों की टी20 सीरीज फिलहाल 1-1 की बराबरी पर है, लेकिन असली कहानी उस खिलाड़ी के इर्द-गिर्द बन रही है जो अगले कुछ घंटों में भारतीय क्रिकेट इतिहास का नया पन्ना जोड़ सकता है—रहस्यमयी स्पिनर वरुण चक्रवर्ती।
टी20 इंटरनेशनल में सबसे तेज 50 विकेट पूरे करने की दौड़ अब उनके कदमों की आहट महसूस कर रही है। 31 मैचों में 49 विकेट झटक चुके वरुण का 32वां मुकाबला धर्मशाला में खेला जाएगा, और सिर्फ एक विकेट उन्हें इस विशेष क्लब में शामिल करने के लिए काफी होगा।
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यह उपलब्धि उन्हें भारत के 12वें ऐसे गेंदबाज के रूप में पहचान देगी, जिसने टी20 क्रिकेट में 50 विकेट का आंकड़ा छुआ।
वरुण की हालिया फॉर्म भी टीम इंडिया को उम्मीद देती है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले दो मुकाबलों में उन्होंने कुल 4 विकेट अपने नाम किए, और पिच पर उनकी तीक्ष्ण टर्न और धारदार फ्लाइट का असर साफ दिखाई दिया।
टीम मैनेजमेंट का भरोसा भी उन पर उतना ही मजबूत है—खासकर तब, जब सीरीज का यह मैच दोनों टीमों की मानसिक बढ़त तय कर सकता है।
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भारत की नजरें इस रिकॉर्ड पर इसलिए भी टिकी हैं क्योंकि कुलदीप यादव का 30 मैचों में सबसे तेज 50 विकेट का जो मानदंड है, उसके सबसे करीब अभी वरुण ही दिखाई दे रहे हैं।
कुलदीप के बाद अर्शदीप और रवि बिश्नोई 33 मैचों में यह आंकड़ा छू चुके हैं, जबकि चहल और बुमराह को क्रमशः 34 और 41 मैच लगे थे।
धर्मशाला की पिच अक्सर गेंदबाजों को बढ़त देती रही है, लेकिन इस बार भारतीय टीम की चिंता किसी और मोर्चे पर है—कप्तान सूर्यकुमार यादव और उपकप्तान शुभमन गिल की लगातार बिगड़ती फॉर्म।
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दोनों बल्लेबाज कई मैचों से रन तरस रहे हैं, जिससे टीम का संतुलन प्रभावित हुआ है। टीम मैनेजमेंट को डर है कि अगर इन दोनों की बल्लेबाजी फिर नहीं चली तो निर्णायक मोड़ पर भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका भी इस मैच को हल्के में नहीं लेने वाला। कटक में 101 रन की करारी हार के बाद मुल्लांपुर में 51 रन से दमदार वापसी करते हुए उन्होंने साबित कर दिया कि उनका इरादा सीरीज को आखिरी मुकाबले तक खींचने का है। इसलिए धर्मशाला का ये मैच सिर्फ आंकड़ों या रिकॉर्ड का खेल नहीं है—यह मनोबल, रणनीति और मौके के सही इस्तेमाल की लड़ाई बनने जा रहा है।
रविवार की शाम बर्फीली हवा के बीच क्या वरुण चक्रवर्ती भारतीय टी20 इतिहास में अपना नाम और मजबूत कर पाएंगे? क्रिकेट फैंस का ध्यान इसी एक गेंद पर टिक सकता है—वह गेंद जो शायद भारतीय क्रिकेट की एक और उपलब्धि की कहानी लिख दे।