टी20 टीम से बाहर किए गए जायसवाल ने 48 गेंदों में शतक ठोककर मुंबई को दिलाई जीत, अब चयनकर्ताओं पर सवाल
मुंबई। जब प्रतिभा को नजरअंदाज किया जाता है तो वो मैदान पर अपना जवाब देती है। कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में देखने को मिला जब टी20 इंटरनेशनल टीम से बाहर किए गए यशस्वी जायसवाल ने बल्ले से बोलना पसंद किया। मुंबई के इस युवा सलामी बल्लेबाज ने हरियाणा के खिलाफ महज 48 गेंदों में शतक जड़कर न सिर्फ अपनी टीम को जीत दिलाई बल्कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को भी एक संदेश दे दिया।
सुपर लीग बी के इस रोमांचक मुकाबले में मुंबई को जीत के लिए 236 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य मिला था। हैदराबाद के खिलाफ एकतरफा हार के बाद गत चैंपियन मुंबई की पीठ दीवार से लगी हुई थी। लेकिन जायसवाल ने जिस तरह की आक्रामक बल्लेबाजी की, वो देखने लायक थी। उन्होंने 50 गेंदों में 101 रन की पारी खेली जिसमें 16 चौके शामिल रहे। उनके पुल शॉट्स और रैंप शॉट्स ने हरियाणा के गेंदबाजों को परेशान कर दिया।
मुंबई ने अंततः 17.3 ओवर में छह विकेट खोकर 238 रन बनाकर मैच चार विकेट से जीत लिया। इस जीत में सरफराज खान का योगदान भी कम नहीं था। उन्होंने महज 24 गेंदों में 64 रन की तूफानी पारी खेली। जायसवाल और सरफराज की जोड़ी ने सिर्फ 6.1 ओवर में 88 रन जोड़े और मुंबई को फाइनल की दौड़ में बनाए रखा।
मैच के बाद जो दृश्य देखने को मिला, वो यशस्वी के बड़े दिल को दर्शाता है। जब मैन ऑफ द मैच के तौर पर उन्हें 50 हजार रुपये का चेक दिया जा रहा था, तो उन्होंने अपने साथी सरफराज को भी मंच पर बुला लिया। ये इशारा टीम स्पिरिट और दोस्ती की मिसाल बन गया। जायसवाल का ये इशारा साफ था कि जीत व्यक्तिगत नहीं बल्कि टीम की मेहनत का नतीजा होती है।
इससे पहले पहले बल्लेबाजी करते हुए हरियाणा ने शानदार प्रदर्शन किया था। कप्तान अंकित कुमार ने 42 गेंदों में 89 रन की धमाकेदार पारी खेली। साथ ही प्रतिभाशाली ऑलराउंडर निशांत सिंधू ने 38 गेंदों में 63 रन बनाए। दोनों ने महज 8.1 ओवर में 110 रन की साझेदारी की और हरियाणा को 20 ओवर में तीन विकेट पर 234 रन तक पहुंचाया। मुंबई के अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे ने भी 10 गेंदों में 21 रन का योगदान दिया।
विश्लेषकों का मानना है कि हरियाणा के तेज गेंदबाजों ने 125 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की जो सपाट पिच पर मुंबई के बल्लेबाजों के लिए अनुकूल साबित हुई। लेकिन जायसवाल की नजर में शायद कोई लक्ष्य बड़ा नहीं था। वो अपनी जगह वापस पाने के लिए कुछ भी करने को तैयार दिख रहे थे।
अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या चयनकर्ता इस प्रदर्शन को नजरअंदाज कर पाएंगे? राष्ट्रीय टीम में शुभमन गिल की हालिया फॉर्म संतोषजनक नहीं रही है। शीर्ष क्रम में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहा है। ऐसे में न्यूजीलैंड के खिलाफ आगामी टी20 सीरीज से पहले चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर और मुख्य कोच गौतम गंभीर की नजरें निश्चित रूप से जायसवाल पर होंगी।
दूसरी ओर सरफराज खान ने भी आईपीएल नीलामी से पहले अपना दांव मजबूत कर दिया है। उनका 16 गेंदों में अर्धशतक फ्रेंचाइजी टीमों के लिए एक संकेत है कि ये खिलाड़ी दबाव में भी बड़े शॉट्स खेल सकता है।
यशस्वी जायसवाल की ये पारी सिर्फ एक शतक नहीं थी, बल्कि ये एक बयान था। एक ऐसा बयान जो चयनकर्ताओं से पूछ रहा है कि क्या वे अब भी उनकी उपेक्ष्या करेंगे? घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी टी20 टीम से बाहर रखा जाना यशस्वी के लिए निराशाजनक रहा होगा। लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया मैदान पर दी है।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि जायसवाल जैसे युवा और आक्रामक बल्लेबाज को टी20 फॉर्मेट में भारतीय टीम में जगह मिलनी ही चाहिए। उनकी स्ट्राइक रेट और बड़े मैचों में प्रदर्शन की क्षमता उन्हें खास बनाती है। अब देखना होगा कि चयन समिति इस प्रदर्शन पर कैसी प्रतिक्रिया देती है।
मुंबई के लिए ये जीत फाइनल की राह में एक अहम कदम है। पहले मैच की हार के बाद टीम पर दबाव था, लेकिन जायसवाल और सरफराज ने मिलकर उस दबाव को खत्म कर दिया। आने वाले मैचों में मुंबई को अपनी विजयी लय बनाए रखनी होगी अगर उन्हें फाइनल में पहुंचना है।
इस श्रेणी की और खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें: खेल



